
पंजाब में पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश के बाद अभी तक अनाज मंडियां खाली हैं. वहीं गेहूं की क्वालिटी घटिया होने की संभावना के चलते केंद्रीय खरीद एजेंसी एफसीआई (FCI) ने गेहूं की सैंपलिंग शुरू कर दी है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की एक टीम ने एफसीआई के अधिकारियों को साथ लेकर एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना का दौरा किया और यहां पहुंची गेहूं की ढेरियों से सैंपल लिए. सैंपलिंग इसलिए ली जा रही है ताकि गेहूं की क्वालिटी के बारे में जानकारी मिल सके. उसके बाद ही इस गेहूं को एफसीआई में भेजा जाएगा. हालिया बारिश और ओलावृष्टि के बाद कई फसलें खराब हुई हैं जिनमें गेहूं भी एक है.
खन्ना मंडी में आए किसानों ने कहा कि गेहूं की कटाई बहुत मुश्किल हो रही है. खेतों में बिछी गेहूं की फसल को कंबाइनें भी नहीं उठा पा रही हैं. फसल का झाड़ भी आधा रह गया है. सरकारों को किसानों का हाथ पकड़ना चाहिए और मदद देनी चाहिए. ऐसी हालत इसलिए बनी है क्योंकि हाल में हुई बारिश ने गेहूं की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है. बारिश के साथ ओले गिरने से गेहूं की बालियां टूट गई हैं. यहां तक कि पौधे भी टूटकर आधे रह गए जिससे चारे में कमी आने की आशंका है. अब बची फसल को कंबाइन से काटने पर गेहूं के साथ मिट्टी भी आ रही है. इससे गेहूं की क्वालिटी पर बुरा असर देखा जा रहा है.
आढ़ती एसोसिएशन खन्ना के अध्यक्ष हरबंस सिंह रोशा ने कहा कि आज (शुक्रवार) मंडी में गेहूं आना शुरू हो गया है. गेहूं क दाना काला पड़ गया है और फसल का झाड़ भी घटा है. अगर इसकी कटाई जल्द न हुई तो और ज्यादा नुकसान होगा. उन्होंने केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग की. आपको बता दें कि अभी केंद्र सरकार की टीम मंडियों का दौरा कर रही है. यह टीम सैंपल रिपोर्ट के बाद ही कोई फैसला लेगी. गेहूं के सैंपल लिए जाने और क्वालिटी की जानकारी लेने के बाद केंद्र की टीम खरीदी पर कोई फैसला लेगी.
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बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से पूरे पंजाब में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. मार्च महीने में ही बारिश होती रही जबकि अमूमन ऐसा नहीं होता है. इससे खेतों में खड़ी फसलों को बहुत नुकसान पहुंचा है. ऊपर से रही सही कसर जोरदार चली आंधी ने पूरी कर दी. इससे खेतों में फसल पूरी तरह से लोट गई. पके गेहूं की फसल भी जमीन पर बिछ गई. इससे किसानों में भारी दुख है. पंजाब के किसान 13 अप्रैल यानी कि बैसाखी वाले दिन से ही फसलों की कटाई शुरू करने की सोच रहे थे. लेकिन उनकी उम्मीदों पर इस बेमौसम बरसात ने पानी फेर दिया.
अब किसान फसलों की कटाई 22 या 23 अप्रैल से पहले करने की सोच भी नहीं सकते. उनका कहना है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष लगभग 25 से 30 फीसद फसल का नुकसान हुआ है जो सहने योग्य नहीं है. उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द पंजाब सरकार उन्हें मुआवजा दे ताकि वे जिंदा रह सकें. किसानों ने कहा कि पिछली बार की तरह नहीं होना चाहिए जब किसानों को 50 रुपये और किसी को 100 रुपये का चेक आया था. किसान सरकार से पूरी राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं.(खन्ना से हरप्रीत सिंह और लुधियाना से मुनीष अत्रे की रिपोर्ट)