MP में बच्‍चों के पोषण पर 8-12 रुपये... गाय के चारे पर 40 रुपये रोजाना खर्च, पढ़ें ये रिपोर्ट

MP में बच्‍चों के पोषण पर 8-12 रुपये... गाय के चारे पर 40 रुपये रोजाना खर्च, पढ़ें ये रिपोर्ट

MP में बच्चों के कुपोषण पर सरकार रोज़ाना सिर्फ ₹8-₹12 खर्च कर रही है, जबकि गायों के चारे पर ₹40 दिए जा रहे हैं. कुपोषण दूर करने पर खर्च की जा रही कम राशि पर विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. श्योपुर जैसे जिलों में हालात बेहद गंभीर हैं, जहां कई बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

MP Child Nutrition Spending ControversyMP Child Nutrition Spending Controversy
रवीश पाल सिंह
  • Bhopal,
  • Aug 07, 2025,
  • Updated Aug 07, 2025, 12:52 PM IST

मध्‍य प्रदेश में बच्‍चों के कुपोषण को दूर करने और गाय के चारे के लिए पोषण राशि को लेकर हैरान करने वाला आंकड़ा सामने आया है और इससे नई बहस छिड़ गई है, क्‍योंकि बच्‍चों के पोषण पर खर्च की जा रही दैन‍िक राशि और गाय के पोषण पर खर्च की जा रही राशि में जमीन आसमान का अंतर है. राज्‍य में कुपोषण के खिलाफ जंग तो जारी है, लेकिन इस बीच विधानसभा में प्रदेश सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसपर अब विपक्ष हमलावर है.

कांग्रेस ने पूछा- कैसे कुपोषण मिटेगा?

विधानसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने बताया है कि कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों के पोषण के लिए सरकार के पास प्रतिदिन 8 रुपये और 12 रुपये खर्च करने का बजट है. कांग्रेस ने इस बजट को नाकाफी बताते हुए पूछा है कि इस तरह ऐसे कैसे कुपोषण मिटेगा? वहीं, सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार से कुपोषण के लिए ज्यादा फंड मांगा गया है.

श्‍योपुर पहुंची 'आजतक' की टीम

प्रदेश में कुपोषण की स्थित‍ि को समझने के लिए 'आजतक' की टीम ने श्‍योपुर स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) का दौरा किया. यहां 12 महीने के अतिकुपोषित कार्तिक को उसकी दादी हलकीबाई अपने साथ लेकर पहुंची. कार्तिक की हालत का अंदाजा उसकी शरीर में दिख रही हड्डियों को देख कर आसानी से पता लगाया जा सकता है.

कुपोष‍ित बच्‍चों की ह‍ड्डियां चमड़ी से चिपकी

वहीं, भीखापुर गांव की आदिवासी बस्ती निवासी मोती आदिवासी के दो जुड़वा बच्चे गौरव और सौरव भी 6 माह के हैं और गंभीर कुपोषित है, इन्हें भी पोषण पुनर्वास केंद्र में रखा गया है. इन बच्चों की हालत देखकर आप अंदर तक हिल जाएंगे. यह श्योपुर ज़िले के वो कुपोषित बच्चे हैं, जिनकी चमड़ी शरीर की हड्डियों से चिपक चुकी है. हालत इतनी खराब कि इन्हे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है. लेकिन, गंभीर रूप से कुपोषित इन बच्चों को पोषण देने के नाम पर सरकार मात्र  8 रुपये से लेकर 12 रुपये तक खर्च कर रही है.

गाय के आहार पर 40 रुपये प्रतिदिन खर्च

विधानसभा में कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया की ओर पूछे गए सवाल के जवाब में महिला और बाल विकास विभाग ने बताया की कुपोषित बच्चों पर 8 रुपये प्रतिदिन और अति कुपोषित बच्चों को प्रतिदिन 12 रुपये प्रतिदिन खर्च किए जा रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि कुपोषित बच्चों पर इतना कम खर्च और करने वाली राज्‍य सरकार गौशाला में गाय के लिए आहार के लिए विधानसभा में 40 रुपये प्रतिदिन खर्च राशि की घोषणा कर चुकी है.

प्रदेश में कुपोषण एक गंभीर और लगातार बढ़ती समस्या है. श्योपुर, धार, खरगोन, बड़वानी, छिंदवाड़ा और बालाघाट जैसे आदिवासी बहुल जिलों में हालात बेहद चिंताजनक हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक कई जिलों में हर चार में से एक बच्चा गंभीर रूप से कुपोषित है.

  • प्रदेश में 1.36 लाख बच्चे कुपोषण के शिकार हैं
  • 29,830 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित है
  • 1.06 लाख बच्चे मध्यम रूप से कुपोषित है
  • कुपोषण की राष्ट्रीय औसत दर: 5.40%
  • मध्यप्रदेश की दर: 7.79% (राष्ट्रीय औसत से अधिक)
  • आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से दिया जा रहा पूरक पोषण आहार
  • सामान्य बच्चों के लिए: ₹8 प्रतिदिन
  • गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए: ₹12 प्रतिदिन

मध्य प्रदेश सरकार की महिला और बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया खुद इस बात को स्वीकार कर रही हैं कि राशि कम है, इसलिए राज्‍य सरकार ने केंद्र से ज्यादा राशि की मांग की है.

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