मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना की लाभार्थी महिलाओं के लिए आज का दिन खुशियों से भरा रहा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज झाबुआ जिले के पेटलावद से आयोजित एक कार्यक्रम से योजना की 28वीं किस्त के रूप में 1541 करोड़ रुपये से अधिक राशि जारी की. योजना के तहत हर लाभार्थी महिला के खाते में 1250-1250 रुपये भेजे गए. राज्य की 1.26 करोड़ से अधिक पात्र महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं. वहीं, सीएम ने अगले महीने दीपावली के बाद जारी होने वाली किस्त को लेकर भी बयान दिया.
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 53.48 लाख से ज्यादा हितग्राहियों को 320.89 करोड़ रुपये की राशि जारी की. साथ ही पीएम उज्ज्वला योजना और गैर-उज्ज्वला श्रेणी की पंजीकृत महिलाओं को सिलेंडर गैस रिफिलिंग के लिए 450 रुपये की सहायता राशि भी ट्रांसफर. इसके लिए उन्होंने 31 लाख से अधिक पंजीकृत बहनों को 48 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की.
सीएम मोहन यादव ने सिंगल क्लिक के माध्यम से विभिन्न योजनाओं की राशि ट्रांसफर करने के बाद सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने झाबुआ की प्राकृतिक सुंदरता और पेटलावद के विकास का जिक्र किया. मोहन यादव ने मंच से कांग्रेस पर जमकर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने रक्षाबंधन पर लाडली बहनों को 1250 रुपये की राशि के अलावा 250 रुपये का शगुन भी दिया. इस तरह हर बहन को 1500 रुपये दिए. लेकिन कांग्रेस के नेता कहते हैं, यहां कि महिलाएं इसकी शराब पी जाती हैं. कांग्रेस नेताओं को शर्म आनी चाहिए. सीएम ने मंच से महिलाओं से अपील की ऐसी सोच रखने वाले कांग्रेस के लोग आपके जब द्वार और क्षेत्र में आएं तो उन्हें न आने दें.
सीएम ने कहा कि जब हम लाडली बहना की राशि जारी करते हैं तो कांग्रेस के पेट में मरोड़ उठती है. लेकिन, हम अपनी लाडली बहनों को आर्थिक मदद जारी रखेंगे. सीएम ने कहा कि दीपावली के बाद भाई दूज से बहनों को 1500 रुपये महीना किस्त दी जाएगी. हम 2026, 2027 में मदद की राशि को और बढ़ाएंगे. वहीं, 2028 तक लाडली बहनों को 3000 रुपये महीना मिलने लगेंगे.
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में 345.34 करोड़ रुपये की लागत के 72 विकास प्रकल्पों का शिलान्यास और उद्घाटन किया. इनमें 194.56 करोड़ रुपये के 35 नए कार्यों की आधारशिला रखी और 150.78 करोड़ रुपये के 37 पूर्ण कार्यों का लोकार्पण किया.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने "झाबुआ के संजीवक" नामक पुस्तक का विमोचन किया. यह पुस्तक स्थानीय जनजातीय आयुर्वेदिक परंपरा और हर्बल चिकित्सा ज्ञान पर आधारित है.