प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्णिया में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बिहार में राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना की घोषणा की है. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि मखाना बोर्ड किस जिले में स्थापित होगा, जिससे मिथिलांचल, सीमांचल और कोसी क्षेत्र के मखाना किसानों और नेताओं के बीच खुशी के साथ-साथ संशय की स्थिति बनी हुई है. सभी क्षेत्र के लोग अपने-अपने जिले में बोर्ड की स्थापना की मांग कर रहे हैं.
कटिहार के विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपने जिले में मखाना बोर्ड स्थापित करने का निवेदन किया है. वहीं, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव सहित मिथिलांचल के अन्य बड़े नेता भी अपने-अपने जिलों में बोर्ड की स्थापना के लिए प्रयासरत हैं. एनडीए सरकार मखाना बोर्ड के माध्यम से बिहार के लगभग 11 जिलों के 5 लाख से अधिक मखाना किसानों को जोड़ने की योजना बना रही है.
केंद्र सरकार ने मखाना बोर्ड गठन की अधिसूचना जारी कर दी है, लेकिन बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार पटना में मखाना महोत्सव के जरिए किसानों और उद्यमियों को लुभाने की कोशिश में है. विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह महोत्सव 4 से 5 अक्टूबर के बीच आयोजित हो सकता है, हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं आई है. परंपरागत तौर पर मखाना महोत्सव दिसंबर में होता है.
केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद भी मखाना बोर्ड के लिए जगह निर्धारण एक बड़ा सवाल बना हुआ है. जानकारों का मानना है कि चुनावी माहौल के कारण सरकार इस फैसले को अंतिम रूप देने में देरी कर सकती है ताकि अलग-अलग क्षेत्रों के किसानों और नेताओं के बीच संतुलन बना रहे. इससे मिथिलांचल, सीमांचल और कोसी क्षेत्र के लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है.
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड के गठन से बिहार के लगभग 5 लाख मखाना किसानों की आय में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी. बिहार देश का लगभग 85 प्रतिशत मखाना उत्पादन करता है. इस बोर्ड के जरिए मखाना प्रोसेसिंग और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.
पिछले 12 वर्षों में मखाना उत्पादन क्षेत्र में काफी विस्तार हुआ है. साल 2012 में मखाना की खेती लगभग 13,000 हेक्टेयर क्षेत्र में होती थी, जो अब बढ़कर 35,224 हेक्टेयर तक पहुंच चुकी है. दरभंगा, मधुबनी, कटिहार, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा और खगड़िया सहित अन्य जिलों में मखाना खेती तेजी से फैल रही है.