आधुनिक तकनीकों और कृषि यंत्रों ने खेती-किसानी को कई गुना आसान बना दिया है. अगर समय कम भी है तो कई दिनों का काम कुछ ही घंटो में निपट जाता है. फिर चाहे बुवाई, निराई-गुड़ाई, कीटनाशकों का छिड़काव हो या फिर हार्वेस्टिंग... कृषि यंत्रों से ये काम फटाफट निपटाया जा सकता है.वहीं कुछ कृषि यंत्र काफी महंगे भी होते हैं, जिन्हें खरीदना हर किसान के बस की बात नहीं होती. ये ही कारण है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर समय-समय पर कृषि यंत्रों पर सब्सिडी देती रहती है, ताकि कम लागत पर किसानों को आधुनिक मशीनों से जोड़ा सके. इसी कड़ी में अब बिहार सरकार भी किसानों को सुनहरा मौका दे रही है.
दरअसल राज्य सरकार ने कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत खेती में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले उपकरणों जैसे रीपर-कम-बाइंडर की थ्री व्हील और फोर व्हील की खरीदारी पर सब्सिडी दे रही है. इस योजना का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए कृषि विभाग ने आवेदन भी मांगे हैं.
वैसे तो बाजार में तमाम कृषि कार्यों के लिए तरह-तरह के कृषि यंत्र उपलब्ध होते है, लेकिन इस सब्सिडी वाले लिस्ट में रीपर-कम-बाइंडर की थ्री व्हील और फोर व्हील वाले मशीनों को शामिल किया गया हैं. इस बीच सबसे अच्छी बात ये है कि बिहार के किसानों को वर्गों के हिसाब से सब्सिडी दी जाएगी. कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत बिहार सरकार वर्गों हिसाब से रीपर-कम-बाइंडर पर 40 और 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है.
बिहार सरकार ने रीपर-कम-बाइंडर मशीन के सब्सिडी पर देने वाली राशि को दो वर्गों में बांट दिया है. इसमें रीपर-कम-बाइंडर की थ्री व्हील मशीन पर सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत यानी 1.40 लाख रुपये देगी, वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग को 50 प्रतिशत यानी 1.75 लाख रुपये की राशि देगी. इसके अलावा फोर व्हील रीपर-कम-बाइंडर पर सरकार सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत यानी दो लाख रुपये का राशि देगी. वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति और अति पिछड़ा वर्ग के लिए 50 प्रतिशत यानी ढाई लाख रुपये की सहायता राशि दे रही है.
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कृषि यंत्रीकरण योजना के जरिए अब फसलों की खेती करना और भी आसान हो जाएगा. इस योजना से जुड़कर सब्सिडी पाने के लिए OFMAS Portal पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. वहीं किसान चाहें तो किसान इस वेबसाइट के लिंक पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.