Bihar News: किसान के खेत तक पहुंचेंगे कृषि डॉक्टर, सरकार ने शुरू की कृषि क्लिनिक योजना

Bihar News: किसान के खेत तक पहुंचेंगे कृषि डॉक्टर, सरकार ने शुरू की कृषि क्लिनिक योजना

बिहार के सभी प्रखंड स्तर पर खुलेंगे कृषि क्लिनिक. कृषि से जुड़ी सभी तरह की सेवा एक छत के नीचे होगी उपलब्ध. बिहार में कृषि क्लिनिक योजना की 202 प्रखण्डों में होगी शुरुआत. 

Bihar Agriculture Department Minister Kumar Sarvjeet and  Secretary Sanjay AggarwalBihar Agriculture Department Minister Kumar Sarvjeet and Secretary Sanjay Aggarwal
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • PATNA,
  • Dec 19, 2023,
  • Updated Dec 19, 2023, 2:20 PM IST

अब राज्य के किसानों को फसल से जुड़ी किसी भी दिक्कत के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा. बिहार सरकार का कृषि विभाग बहुत जल्द प्रखंड स्तर पर कृषि क्लिनिक योजना शुरू करने जा रहा है. सूबे के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि अभी इंसानों और पशुओं के लिए क्लिनिक की सुविधा होती थी. लेकिन अब किसानों को प्रखण्ड स्तर पर‘‘कृषि क्लिनिक" के माध्यम से कृषि की सभी क्रियाओं की समस्त सुविधाएं एक छत के नीचे उपलब्ध कराने की तैयारी है. इसको लेकर सरकार कृषि क्लिनिक खोलने वाले युवाओं को अनुदान भी उपलब्ध कराएगी. राज्य के करीब 202 प्रखंडों में कृषि क्लिनिक योजना की शुरुआत होगी. 

कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि कृषि क्लिनिक योजना के अलावा अब बागवानी और फसलों में दवा छिड़काव शुल्क (कीटनाशक सहित) पर किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर दवा छिड़कने वाले सेवा प्रदाता उपलब्ध कराए जाएंगे. बता दें कि कृषि क्लिनिक योजना का लाभ वही लोग ले पाएंगे जिन्होंने कृषि स्नातक, कृषि व्यवसाय प्रबंधन स्नातक और राज्य या केंद्रीय विश्वविद्यालय अथवा किसी अन्य विश्वविद्यालय से कृषि, उद्यान में स्नातक किया हो. जो आई.सी.ए.आर या यू.जी.सी द्वारा मान्यता प्राप्त हो, उसे इस योजना का लाभ मिलेगा. इसके अलावा न्यूनतम दो वर्षों का कृषि अथवा उद्यान में अनुभव प्राप्त डिप्लोमाधारी या कृषि विषय में इन्टरमीडिएट और रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जीव विज्ञान में स्नातक के योग्य प्रार्थियों को योजना का लाभ मिलेगा.

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फसलों में रोग से लेकर खेती से जुड़ी पूरी जानकारी

कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने बताया कि कृषि क्लिनिक योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 424 लाख रुपये की स्वीकृति की गई है. वहीं इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल उत्पादन संबंधित सभी सेवाएं एक छत के नीचे मुहैया करना है. इसमें मिट्टी जांच की सुविधा, बीज विश्लेषण की सुविधा, कीट, व्याधि प्रबंधन संबंधित सुझाव, पौधा संरक्षण संबंधित छिड़काव-भुरकाव हेतु आवश्यक उपकरणों और तकनीकी विस्तार की जानकारी स्थानीय स्तर पर दी जाएगी.

आगे उन्होंने बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन से राज्य में फसलों के उत्पादन, उत्पादकता और उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होगी, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी. यह योजना राज्य के सभी 101 अनुमंडलों में शुरू की जाएगी. वहीं योजनान्तर्गत प्रत्येक अनुमंडल के 2 प्रखंडों में कृषि क्लीनिक की स्थापना की जानी है. इसके अंतर्गत एक अनुमंडल के प्रखंड मुख्यालय और दूसरा किसी अन्य चयनित प्रखंड मुख्यालय में स्थापित की जाएगी. वहीं इसके तहत ग्रामीण स्तर पर 202 युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा.

कृषि क्लिनिक खोलने में सरकार करेगी मदद

कृषि क्लिनिक स्थापना में कुल अनुमानित लागत 5 लाख है जिस पर सरकार ने 40 प्रतिशत और अधिकतम 2 लाख रुपये की राशि तय की है. वहीं शेष राशि आवेदक द्वारा लगाया जाएगा. इस योजना के तहत चयनित लाभार्थी बैंक से ऋण प्राप्त कर योजना का लाभ ले सकते हैं. इसके साथ ही कृषि क्लिनिक की स्थापना के लिए चयनित लाभार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही उनकी इच्छा के अनुसार उर्वरक, बीज, कीटनाशक लाइसेंस, कस्टम हायरिंग सेंटर सहित अन्य आवश्यक योजनाओं का लाभ देने में प्राथमिकता दी जाएगी. 

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फसलों में दवा छिड़काव के लिए अनुदान

कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि फलदार वृक्षों जैसे आम, लीची और अमरूद में लगने वाले कीट-व्याधि से बचाव के लिए सेवा प्रदाता के माध्यम से छिड़काव हेतु किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान पर दिया जाएगा. वहीं फेरोमोन ट्रैप, लाईफ टाईम ट्रैप और स्टिकी ट्रैप पर किसानों को अधिकतम 02 हेक्टेयर और टाल क्षेत्रों में 05 हेक्टेयर के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा. इन दोनों योजनाओं का उद्देश्य सरकारी व्यवस्था के साथ-साथ निजी क्षेत्र के माध्यम से किसानों को उनके फसलों के कीट-व्याधि हेतु बचाव के लिए सहायता उपलब्ध कराना है. 

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