
बागवानी के क्षेत्र से नाता रखने वाले और अपना खुद का नर्सरी व्यवसाय शुरू करने की इच्छा रखने वालों के लिए एक बड़ी और अच्छी खबर आई है. केंद्र प्रायोजित कृषि वानिकी योजना के अंतर्गत 2025-26 के लिए बिहार सरकार की ओर से करीब 3 करोड़ 28 लाख 50 हजार रुपये की स्वीकृति दी गई है. इस योजना के तहत जहां पुराने नर्सरियों की क्षमता का विस्तार किया जाएगा. वहीं नई नर्सरियों की स्थापना को लेकर 50% तक अनुदान देने का भी प्रावधान सरकार की ओर से किया गया है.
बिहार के कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने बताया कि इस योजना के तहत सरकार राज्य में कृषि वानिकी के व्यापक विस्तार, पर्यावरण संतुलन, हरित आवरण में बढ़ोतरी के साथ किसानों को सस्ते दर पर गुणवत्तायुक्त पौधे उपलब्ध कराने की दिशा में यह कदम उठा रही है. इसके तहत गम्हार, सेमल, मालाबार, नीम सहित इमारती और गैर-इमारती पौधों की उपलब्धता बढ़ाई जाएगी.
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि वानिकी योजना के तहत नई नर्सरियों की स्थापना के लिए किसानों और गैर-सरकारी संस्थानों को 50% अनुदान दिया जाएगा. इसमें स्मॉल नर्सरी (0.5 हेक्टेयर) के लिए 5 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी. वहीं, पहले से संचालित निजी नर्सरियों को उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति नर्सरी अनुदान देने का प्रावधान भी सरकार की ओर से किया गया है. इस योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए किसान सहित कोई भी व्यक्ति जिला कृषि विभाग से संपर्क कर सकता है.
मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि यह पहल रोजगार सृजन, स्थानीय उद्यमिता वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने का माध्यम है. किसानों को उन्नत कृषि वानिकी तकनीकों से जोड़ने के लिए सफल मॉडलों के अवलोकन का प्रावधान किया गया है. इस योजना के तहत किसानों को उन स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा जहां कृषि वानिकी को प्रभावी ढंग से अपनाया गया है, ताकि वे पौध प्रबंधन, विपणन और आय वृद्धि के नवीन मॉडलों को समझ सकें.
बिहार में नर्सरी विस्तार करने के लिए सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है. नर्सरी बढ़ाने का मकसद है प्रदेश में स्वस्थ और सुरक्षित पौधरोपण को बढ़ावा देना ताकि बागवानी से लेकर खेती तक में मदद मिल सके. नर्सरी के विस्तार से किसानों की कमाई भी बढ़ेगी. साथ ही नर्सरी का बिजनेस करने वाले भी खुशहाल होंगे.