बीएयू ने 10 स्टार्टअप्स के साथ किया समझौता, एग्री कंपनियों को मिलेगी उड़ान

बीएयू ने 10 स्टार्टअप्स के साथ किया समझौता, एग्री कंपनियों को मिलेगी उड़ान

बिहार एंटरप्रेन्योरशिप से लेकर एग्री बिजनेस का केंद्र बनाने की ओर अग्रसर. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर द्वारा एग्री स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए 10 स्टार्टअप्स के साथ करीब 118 लाख रुपये का हुआ एमओयू.लैब से खेत और खेत से बाजार तक पहुंचाने का एक प्रभावशाली मॉडल साबित होने की उम्मीद.

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अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Sep 16, 2025,
  • Updated Sep 16, 2025, 2:40 PM IST

एग्री-स्टार्टअप जहां रोजगार के कई नए रास्ते खोल रहा है, साथ ही कृषि को आधुनिक दौर में आगे लेकर जा रहा है. वहीं, केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार की ओर से एग्री स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद की जा रही है. इसी कड़ी में कृषि-आधारित तकनीक एवं नवाचार को वाणिज्यिक स्तर तक पहुंचाने की दिशा में बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर की ओर से एक बड़ी पहल की गई. विश्वविद्यालय के सबौर एग्री इन्क्यूबेटर्स (SABAGRIs) ने एग्री-स्टार्टअप प्रोत्साहन कार्यक्रम के अंतर्गत 10 स्टार्टअप्स के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है. इसके तहत करीब 118 लाख रुपये का कुल अनुदान स्वीकृत किया गया है. वहीं, पहली किस्त के तौर पर 69 लाख रुपये विश्वविद्यालय जारी करेगा.

बता दें कि विश्वविद्यालय द्वारा दिया जाने वाला अनुदान कृषि मूल्य श्रृंखला में तकनीकी हस्तक्षेप, उत्पाद विविधीकरण, संसाधन दक्षता, किसानों की आय में वृद्धि तथा अनुसंधान एवं विकास को उद्योग से जोड़ने से सम्बंधित होगा. वहीं, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर की ओर से मिली जानकारी के अनुसार यह परियोजनाएं टेक्नोलॉजी रेडिनेस लेवल (TRL)-6 से TRL-9 तक विकसित की जानी हैं. वहीं, कृषि विश्वविद्यालय, सबौर का यह कदम कृषि नवाचार को लैब से खेत और खेत से बाजार तक पहुंचाने का एक प्रभावशाली मॉडल साबित होने की उम्मीद है.

बिहार एंटरप्रेन्योरशिप से लेकर एग्री बिजनेस का बनेगा केंद्र

बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के सबौर एग्री इन्क्यूबेटर्स (SABAGRIs) का यह निवेश बिहार को एग्री-बिजनेस और टेक्नो-एंटरप्रेन्योरशिप का प्रमुख केंद्र बनाएगा. यह कृषि को जलवायु-संवेदनशील, निर्यातोन्मुख और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. वहीं, निदेशक अनुसंधान और प्रमुख डॉ. अनिल कुमार सिंह ने कहा कि यह वित्तीय सहयोग डिजिटल कृषि, स्मार्ट सप्लाई चेन और हाई-वैल्यू फूड प्रोसेसिंग तकनीकों को तेज़ी से लागू करने में मदद करेगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से चयनित स्टार्टअप्स किसानों की उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ नवाचार आधारित स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाएंगे.

SAIP श्रेणी और AOP श्रेणी में कुल 10 एग्री स्टार्टअप का हुआ चयन

स्टार्टअप एंड एग्री-इनोवेशन प्रोग्राम (SAIP) के तहत कुल 6 स्टार्टअप्स को 98 लाख रुपये का अनुदान दिया गया है, जिसमें से 49 लाख रुपये प्रथम किस्त के रूप में विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए जाएंगे. SAIP के तहत चयनित 6 स्टार्टअप्स का कार्य बायोटेक्नोलॉजी, फूड प्रोसेसिंग, लॉजिस्टिक्स और वैल्यू-एडेड उत्पादों पर केंद्रित रहेगा. वहीं, आइडिया टू ऑपर्च्युनिटी प्रोग्राम (AOP) के तहत कुल 4 स्टार्टअप्स का चयन किया गया है और इन्हें 20 लाख की मंजूरी दी गई है. इन चार स्टार्टअप्स को ₹5-5 लाख का अनुदान दिया गया है, जो TRL-3 से TRL-6 चरण में हैं.

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