रेडियो पर गर्मी और लू से लोगों को सचेत कर रहा BAU, आपदा विभाग ने भी बढ़ाया हाथ

रेडियो पर गर्मी और लू से लोगों को सचेत कर रहा BAU, आपदा विभाग ने भी बढ़ाया हाथ

BAU: बिहार में गर्मी और लू के प्रकोप से बचने के लिए बीएयू, सबौर ने अपने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के माध्यम से व्यापक जागरुकता अभियान की शुरू किया. एफएम ग्रीन (भागलपुर), सीआरएस-केवीके मानपुर (गया) और सीआरएस-केवीके बाढ़ (पटना) जैसे रेडियो स्टेशन ग्रामीण क्षेत्रों में लू से बचाव के उपायों की जानकारी प्रसारित कर रहे हैं.

तेजी से पैर पसार रही गर्मीतेजी से पैर पसार रही गर्मी
अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Jun 11, 2025,
  • Updated Jun 11, 2025, 2:44 PM IST

बिहार में इन दिनों भीषण गर्मी और लू का प्रकोप आमजन के लिए चुनौती बना हुआ है. तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचने से लोग स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं. लू के कारण डिहाइड्रेशन, चक्कर आना और थकान जैसे लक्षण आम हो गए हैं. इस संकट से निपटने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर ने अपने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के माध्यम से व्यापक जागरुकता अभियान शुरू किया है. बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से यह अभियान 10 जून, 2025 से शुरू हुआ, जिसमें एफएम ग्रीन (भागलपुर), सीआरएस-केवीके मानपुर (गया) और सीआरएस-केवीके बाढ़ (पटना) जैसे रेडियो स्टेशन ग्रामीण क्षेत्रों में लू से बचाव के उपायों की जानकारी प्रसारित कर रहे हैं. इसका उद्देश्य विशेष रूप से ग्रामीण समुदायों को इस मौसमी खतरे से सुरक्षित रखना है.

रेडियो के जरिये व्यावहारिक सुझाव

सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के प्रसारण में श्रोताओं को लू से बचने के लिए सरल और प्रभावी सलाह दी जा रही है. इनमें पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, दोपहर की तेज धूप में बाहर निकलने से बचना, हल्के और ढीले सूती कपड़े पहनना, सिर को गमछे या टोपी से ढकना और पशुओं को छाया और पानी उपलब्ध कराना शामिल है. साथ ही, अगर चक्कर आए या तबीयत बिगड़े, तो तुरंत स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करने की सलाह दी जा रही है.ये सुझाव स्थानीय भाषा और संस्कृति के अनुरूप हैं, जिससे ग्रामीण लोग इन्हें आसानी से समझ और अपना सकें.

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का समर्थन

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इस अभियान को जनहित में महत्वपूर्ण बताते हुए सभी सामुदायिक रेडियो स्टेशनों से सतत और प्रभावी प्रसारण की अपील की है. प्राधिकरण का मानना है कि यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता बढ़ाने और लू के दुष्प्रभावों से लोगों को बचाने में कारगर साबित होगी. विश्वविद्यालय और प्राधिकरण का यह संयुक्त प्रयास आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक अनुकरणीय मॉडल बन सकता है, जो अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा स्रोत हो सकता है.

BAU का जागरुकता अभियान

बीएयू के कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि सामुदायिक रेडियो जन-जागरूकता और आपदा प्रबंधन के लिए एक शक्तिशाली माध्यम है. उन्होंने विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता दोहराई कि बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ मिलकर जन-सुरक्षा के इस पुनीत कार्य को निरंतर आगे बढ़ाया जाएगा. यह अभियान ना केवल वर्तमान गर्मी और लू से राहत दिलाने में मदद करेगा, बल्कि भविष्य में आपदा से संबंधित जागरूकता के लिए एक स्थायी मॉडल के रूप में भी स्थापित होगा.

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