तेलंगाना की सरकार ने किसानों को एक तरफ तो खुशखबरी दी है तो वहीं इस गुड न्यूज से उनकी टेंशन भी बढ़ गई है. सरकार की तरफ से किसानों के अकाउंट में ऋण माफी वादे के तहत जैसे ही पैसे जमा कराए गए वैसे ही साइबर पुलिस की तरफ से उन्हें एक वॉर्निंग भी जारी की गई. साइबर पुलिस की तरफ से किसानों को आगाह किया गया है कि वो साइबर क्रिमिनल्स से बचाने के लिए बताए गए उपायों को जरूर अपनाएं. ये ऐसे साइबर क्रिमिनल्स हैं जो उनके अकाउंट को निशाना बनाने की फिराक में हैं.
साइबर जालसाजों की तरफ से संभावित कोशिशों के बारे में जानकारी हासिल करने पर, साइबर क्राइम पुलिस की तरफ से सुझाव दिया गया है कि किसान स्मार्टफोन पर किसी भी नए या अनजाने लिंक को क्लिक करने से बचें और साथ ही अजनबियों को ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) बताने से परहेज करें. पुलिस ने किसानों को सलाह दी है कि वे पर्सनल या फाइनेंशियल जानकारी साझा करने से पहले हमेशा अनचाहे कॉल, मैसेज या फिर ईमेल कहां से आया, इसकी पुष्टि जरूर करें.
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साइबर क्राइम पुलिस ने किसानों को एक सलाह भी दी है कि किसान कूरियर कंपनियों की ऑफिशियल वेबसाइट पर सीधे किसी भी पैकेज को ट्रैक करने और एसएमएस, ईमेल या व्हाट्सएप के जरिये से मिले लिंक पर क्लिक करने से बचें. पुलिस का कहना है कि स्कैमर्स अक्सर पीड़ितों को ठगने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल करते हैं.
साइबर क्राइम पुलिस ने मोबाइल फोन पर कोई भी APK इंस्टॉल न करने की सलाह भी दी है. साथ ही सोशल मीडिया या मैसेजिंग ऐप के जरिये से अनचाही पार्टटाइम नौकरी के ऑफर भेजने वाले व्यक्तियों या फिर ग्रुप्स के साथ जुड़ने के खिलाफ भी चेतावनी दी है. पुलिस ने कहा, 'टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर स्कैमर्स आपको आसान पार्ट-टाइम जॉब्स, जैसे कि वीडियो लाइक करना, के बारे में मैसेज भेज सकते हैं.'
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पुलिस का मानना है कि ये जालसाज किसानों का भरोसा जीतने के लिए छोटे-छोटे पेमेंट से शुरुआत करते हैं, फिर आपसे प्राइवेट इनफॉर्मेशन साझा करने या ज्यादा इनवेस्टमेंट करने के लिए कहते हैं और फिर आपकी नकदी लेकर गायब हो जाते हैं. बैंक अकाउंट की जानकारी, पासवर्ड या सोशल सिक्योरिटी नंबर जैसी संवेदनशील जानकारी कभी भी अजनबियों से साझा न करने की सलाह भी दी गई है.
पुलिस ने किसानों को यह सलाह भी दी है कि वो किसी भी अनजाने बैंक अकाउंट में पैसे जमा करने से बचें. ये अकाउंट ऐसे होते हैं जहां पर अनजाने व्यक्तियों की तरफ से झूठे वादे किए जाते हैं. साथ ही ट्रेडिंग धोखाधड़ी को लेकर भी किसानों को आगाह किया गया है. किसानों को सलाह दी गई है कि वो धोखेबाजों की तरफ से दिए जाने वाले संदिग्ध रिटर्न पर भरोसा न करें और स्टॉक ट्रेडिंग करने या सेबी के साथ रजिस्टर्ड नहीं होने वाले अनजानी एप्लिकेशन में पैसा निवेश करने से बचें.
पुलिस ने साइबर फाइनेंशियल धोखाधड़ी से जुड़े मामलों की रिपोर्ट तुरंत करने के लिए साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके, निकटतम पुलिस स्टेशन से संपर्क करके या साइबरक्राइम.gov.in पर नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर जाकर रिपोर्ट करने के लिए भी कहा है.