केंद्र और किसान संगठनों की 4 मई को होने वाली बैठक टली! पंजाब सरकार को लेकर उलझा मामला

केंद्र और किसान संगठनों की 4 मई को होने वाली बैठक टली! पंजाब सरकार को लेकर उलझा मामला

4 मई को केंद्र और किसानों के बीच होने वाली बैठक स्थगित होने जैसी स्थित‍ि बन गई है. केंद्र सरकार की ओर से किसानों को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि किसान संगठनों ने मांग की थी कि 4 मई की बैठक में पंजाब सरकार को शामिल ना किया जाए. लेकिन वह उनकी इस मांग को नहीं मान सकती. ऐसे में किसानों को फिर से अपने फैसले पर विचार करने के लिए कहा है.

Farmers Central Govt meeting PostponedFarmers Central Govt meeting Postponed
कमलजीत संधू
  • Chandigarh,
  • May 01, 2025,
  • Updated May 01, 2025, 8:59 PM IST

4 मई को केंद्र और किसानों के बीच होने वाली बैठक स्थगित होने जैसी स्थित‍ि बन गई है. केंद्र सरकार की ओर से किसानों को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि जैसा कि किसान संगठनों ने मांग की थी कि 4 मई की बैठक में पंजाब सरकार को शामिल ना किया जाए. अगर वह शामिल होते हैं तो किसान संगठन इस मीटिंग में शामिल नहीं होंगे. लेकिन केंद्र सरकार का मानना है कि संघीय ढांचे के मुताबिक, राज्य सरकार का मीटिंग में होना जरूरी है. इस वजह से पंजाब सरकार को मीटिंग में शामिल किया जाएगा. इसीलिए किसान संगठन अपने फैसले पर एक बार फिर से विचार कर लें. 

किसान नेता कल देंगे फाइनल जवाब

केंद्र सरकार के बयान पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमें एक पत्र मिला है, जिसमें अगली मीटिंग को लेकर केंद्र ने अपना पक्ष रखा है. हम 2 मई को अपने मोर्चों से इस विषय पर राय-मशवरा करेंगे और अगले कदम के बारे में जानकारी देंगे. उसके बाद ही तय हो पाएगा कि मीटिंंग को लेकर क्‍या फैसला होना है. 

पुलिस कार्रवाई से नाराज हैं किसान नेता

दरअसल, इस साल 19 मार्च को केंद्र सरकार और किसानों की बैठक के बाद पंजाब सरकार ने एक्‍शन लेते हुए पुलिस कार्रवाई कर कई बड़े किसान नेताओं को हिरासत में ले लि‍या था. साथ ही खनौरी और शंभू बॉर्डर पर भी पुलिसबल का प्रयोग कर आंदोलन कर रहे किसानों के टेंट सामान को हटा दिया था. इसके बाद से ही किसान नेता पंजाब सरकार से चिढ़े हुए हैं और अगली बैठक में उसके शामिल होने पर ऐतराज जता रहे हैं. अब तक केंद्र और किसानों में हुई सभी बैठकों में पंजाब सरकार के मंत्री भी शामिल होते आए हैं, लेकिन अब किसान नेता चाहते हैं कि पंजाब की तरफ से कोई शामिल न हो. 

'किसानों की भावनाएं आहत हुईं'

बता दें कि संयुक्‍त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने सरकार को लिखी चिट्ठी में कहा था कि 19 मार्च को बैठक के बाद पंजाब सरकार ने धोखे से कई किसान नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसके साथ ही शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलनों को जबरदस्ती और हिंसक तरीके से खत्म किया गया.

किसानों का कहना है कि यह कार्रवाई किसानों के स्वाभिमान पर हमला है और इससे पूरे देश के किसानों में गुस्सा है. 19 मार्च की बैठक केंद्र सरकार के लिखित निमंत्रण पर हुई थी. ऐसे में किसानों की सुरक्षा और उनके साथ न्याय करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी थी. लेकिन इसके उलट, पंजाब सरकार की कार्रवाई से किसानों की भावनाएं आहत हुई हैं.

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