भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बुधवार को दावा किया कि शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे की दिल्ली यात्रा का मकसद मुख्यमंत्री पद की अपनी महत्वाकांक्षाओं के लिए कांग्रेस का समर्थन जुटाना है और वह महाराष्ट्र के किसानों, महिलाओं और युवाओं से जुड़े मुद्दे कभी नहीं उठाएंगे. अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उद्धव की दिल्ली यात्रा को बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनने की महत्वकांक्षा करार दिया है. बीजेपी विधायक आशीष शेलार ने इस पर प्रतिक्रिया दी है.
आशीष शेलार ने कहा, 'उद्धव ठाकरे महिलाओं, किसानों या महाराष्ट्र के युवाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दे उठाने के लिए दिल्ली नहीं गए हैं. वह कांग्रेस का समर्थन मांगने के लिए राष्ट्रीय राजधानी गए हैं क्योंकि वह अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं.' शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) के महाविकास अघाड़ी गठबंधन की तरफ से महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों में से 31 पर जीत हासिल करने के बाद ठाकरे मंगलवार को दिल्ली की अपनी पहली तीन दिवसीय यात्रा पर निकले हैं.
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माना जा रहा है कि ठाकरे इस दौरान विपक्षी इंडिया ब्लॉक के नेताओं से मुलाकात करेंगे और महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में आने वाले विधानसभा चुनावों के तहत आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. शेलार ने मीडिया से कहा, 'ठाकरे हमेशा मुख्यमंत्रियों (बीजेपी और शिवसेना) के दिल्ली दौरे की आलोचना करते हैं और इसे उनकी कमजोरी बताते हैं.'
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शेलार ने कहा कि राजनीतिक मजबूरियों की वजह से ठाकरे को दिल्ली की यात्रा करनी पड़ी और कांग्रेस नेताओं से मिलकर उनका समर्थन हासिल करना पड़ा. बीजेपी नेता ने आरोप लगाया, 'वह बहुत ज्यादा बारिश के कारण अपनी फसलें खोने वाले किसानों या युवाओं के लिए रोजगार की मांग करने के लिए दिल्ली में नहीं हैं. उन्होंने अपनी बैठकों के दौरान दिल्ली में मराठा आरक्षण का मुद्दा भी नहीं उठाया.'
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ठाकरे नवंबर 2019 में पुराने दोस्त बीजेपी से नाता तोड़कर और विपरीत विचारधारा रखने वाली एनसीपी (शरद पवार) और कांग्रेस से हाथ मिलाने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे. ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार जून 2022 में गिर गई थी. उस समय शिवसेना के कई विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले ग्रुप में शामिल हो गए थे. वह बीजेपी के समर्थन से ठाकरे के बाद मुख्यमंत्री बने थे.