भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शंकर लालवानी ने मंगलवार को इंदौर लोकसभा सीट पर 10 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की है. इसे एक रिकॉर्ड बताया जा रहा है. जबकि नोटा (इनमें से कोई नहीं) विकल्प भी यहां रिकॉर्ड बनने की तरफ है. इंदौर से लालवानी को 12,26,751 मत मिले और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी नोटा को 10,08,077 वोटों से हराया. बहुजन समाज पार्टी के संजय 51,659 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. बीजेपी के एक नेता ने दावा किया कि लालवानी की जीत का अंतर देश के चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा है.
लालवानी ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों में सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा था. इंदौर में भी 2,18,674 मतदाताओं ने नोटा विकल्प चुना, जो मध्य प्रदेश की इस लोकसभा सीट पर दूसरा सबसे बड़ा विकल्प था. इंदौर में कांग्रेस को उस समय झटका लगा जब उसके उम्मीदवार अक्षय कांति बाम ने नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 29 अप्रैल को अपना नामांकन वापस ले लिया. इसके बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी सन् 1989 से इंदौर की सीट जीतती आ रही है. लालवानी से पहले साल 2014 से 2019 तक लोकसभा अध्यक्ष रहीं सुमित्रा महाजन ने लगातार आठ बार इंदौर से जीत दर्ज की थी.
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16 अक्टूबर 1961 को इंदौर में जन्मे शंकर लालवानी ने 2019 का लोकसभा चुनाव 5.47 लाख वोटों से जीता था. वह सन् 1994 से 1999 तक इंदौर नगर निगम में पार्षद भी रह चुके हैं. 1999 से 2004 तक लालवानी इंदौर नगर निगम के अध्यक्ष पद पर रहे. साल 2013 में उन्हें इंदौर विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया. साल 2019 में सांसद बनने के बाद उन्होंने लोकसभा में आवास और शहरी मामलों की स्थायी समिति, सदन की बैठकों से सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति समेत कई अहम समितियों में रह चुके हैं. साथ ही एमएसएमई राष्ट्रीय बोर्ड के सदस्य भी रहे.
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लालवानी से अलग मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी विदिशा सीट पर रिकॉर्ड वोटों से जीते हैं. चौहान ने 8 लाख 20 हजार 868 वोटों से जीत दर्ज की. पूर्व सीएम ने कांग्रेस के प्रताप भानु शर्मा को हराया है. चौहान का यह पहला लोकसभा चुनाव था और ऐसे में उनकी इस जीत को एतिहासिक करार दिया जा रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्री और सीनियर बीजेपी लीडर नेता अमित शाह ने गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट पर प्रचंड जीत दर्ज की है. उन्होंने अपने निकटतम कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी सोनल रमनभाई पटेल के खिलाफ सात लाख से ज्यादा वोटों की अजेय बढ़त हासिल करने के बाद शानदार जीत हासिल की है. चुनाव आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, शाह को कुल 1,10,972 वोट मिले, जबकि पटेल को 2,66,256 वोट मिले. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में, अमित शाह ने गांधीनगर लोकसभा सीट से 5.57 लाख से अधिक वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की.