सबसे ज्‍यादा मतदाताओं के साथ भारत का यह क्षेत्र है सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र 

सबसे ज्‍यादा मतदाताओं के साथ भारत का यह क्षेत्र है सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र 

आने वाले कुछ महीनों में भारत में लोकसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी है. देश भर में करोड़ों मतदाता अगली सरकार का भविष्‍य तय करेंगे. चुनावों के दौरान देश के सबसे छोटे और सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र पर अक्‍सर सबकी नजरें लगी रहती हैं.

तेलंगाना का मलकाजगिरी है सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र तेलंगाना का मलकाजगिरी है सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Feb 10, 2024,
  • Updated Feb 10, 2024, 4:53 PM IST

आने वाले कुछ महीनों में भारत में लोकसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर चुनाव आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी है. देश भर में जहां करोड़ों मतदाता अगली सरकार का भविष्‍य तय करेंगे तो कुछ संसदीय क्षेत्र नए रिकॉर्ड भी कायम करेंगे. चुनावों के दौरान देश के सबसे छोटे और सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र पर अक्‍सर सबकी नजरें लगी रहती हैं. देश में आने वाला लोकसभा चुनाव दुनिया का सबसे ज्यादा मतदाताओं की हिस्सेदारी वाला चुनाव का रिकॉर्ड बनाएगा.  निर्वाचन आयोग के मुताबिक इस लोकसभा चुनाव में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का नतीजा बताता है कि छह फीसदी नए वोटर्स जुड़े हैं. 

साल 2009 में पहला चुनाव 

मल्काजगिरी भारतीय राज्य तेलंगाना में 17 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. साल 2002 में गठित भारत के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के आधार पर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के कार्यान्वयन के बाद, यह निर्वाचन क्षेत्र 2008 में अस्तित्व में आया. साल 2019 तक यहां पर 31,50,303 मतदाता थे और इस संख्‍या के साथ ही यह सबसे बड़ा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बन गया. पहली बार साल 2009 में यहां पर चुनाव हुए थे और उस समय ये चुनाव आंध्र प्रदेश के एक निर्वाचन क्षेत्र के रूप में हुए थे. 

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मल्‍काजगिरी के पहले संसद सदस्य (सांसद) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सर्वे सत्यनारायण थे. देश के पांच सबसे बडे़ लोकसभा चुनाव क्षेत्रों में मल्काजगिरी के अलावा उतर प्रदेश का गाजियाबाद, कर्नाटक का नॉर्थ बेंगलुरु, उत्तर प्रदेश का उन्नाव और उत्तर-पश्चिम दिल्ली हैं. इसी तरह सबसे छोटे लोकसभा चुनाव क्षेत्रों में लक्षद्वीप, दमन दीव, लद्दाख , दादर नगर हवेली और अंडमान निकोबार द्वीप  शामिल हैं. 

अब देश में कुल कितने वोटर्स 

आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 18 से 29 साल उम्र वर्ग में दो करोड़ नए मतदाताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. देश में कुल मतदाताओं का ग्राफ 96.88 करोड़ तक पहुंचा है जो 2019 के आम चुनाव के बाद से छह फीसदी इजाफे की तस्दीक करता है. स्पेशल समरी रिवीजन यानी मतदाता सूची का सामयिक पुनरीक्षण 2024 के तहत महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले बाजी मारी है.

SSR 2024 के मुताबिक 2.63 करोड़ नए मतदाताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. उनमें से 1.41 करोड़ महिला मतदाता हैं जबकि इनमें पुरुष मतदाताओं की हिस्सेदारी सिर्फ 1.22 करोड़ ही है. वोटर्स का लैंगिक अनुपात भी 2023 में 940 था जो इस साल 2024 में 948 हो गया है. यानी हजार पुरुषों के मुकाबले 948 महिला वोटर हैं. 

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