नामांकन पत्र वापस लेने की प्रक्रिया के बाद अब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हरियाणा में कुल 223 प्रत्याशी मैदान में हैं. जिनमें 207 पुरुष जबकि महज 16 महिला उम्मीदवार हैं. लेकिन सबसे दिलचस्प मुकाबला हिसार में हो रहा है, जहां पर एक ही परिवार के तीन लोग मैदान में खड़े हैं. दिलचस्प बात यह है कि यहां ससुर और उसकी दो बहुएं मैदान में हैं और तीनों खुद को अपना वोट भी नहीं दे पाएंगे, क्योंकि उनका वोट दूसरे लोकसभा क्षेत्र में है. हम बात कर रहे हैं किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी देवीलाल के परिवार से चुनाव में एक दूसरे के विरोध में खड़े रणजीत चौटाला, नैना चौटाला और सुनैना चौटाला की.
हिसार लोकसभा क्षेत्र में 28 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 25 पुरुष और सिर्फ तीन महिला हैं. इनमें से दो महिलाएं नैना और सुनैना चौटाला आपस में देवरानी और जेठानी लगती हैं. यहां से बीजेपी ने पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पुत्र रंजीत सिंह चौटाला को टिकट दी है. संयोग यह है कि हिसार लोकसभा सीट पर ही दुष्यंत चौटाला 2014 में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की टिकट पर सांसद बने थे. हालांकि, 2019 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी ने ब्रिजेंद सिंह से वो हार गए थे.
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बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद दुष्यंत चौटाला हिसार की सियासी जमीन को और मजबूत करना चाहते हैं. इसलिए अब उनकी मां नैना चौटाला इस बार जन नायक जनता पार्टी (जेजेपी) की की टिकट पर अपने चाचा ससुर रंजीत सिंह चौटाला के खिलाफ मैदान में हैं. नैना चौटाला जेजेपी से बाढड़ा की विधायक भी हैं. नैना चौटाला, ओम प्रकाश चौटाला के बड़े बेटे और जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला की पत्नी है. दूसरी ओर, इनेलो की ओर से सुनैना चौटाला भी बीजेपी प्रत्याशी और अपने चाचा ससुर रंजीत सिंह चौटाला को टक्कर देने के लिए मैदान में हैं.
चौधरी देवीलाल के बड़े बेटे प्रताप सिंह चौटाला के दो बेटे हैं. जिनके नाम जितेंद्र चौटाला और रवि चौटाला हैं. सुनैना चौटाला रवि चौटाला की पत्नी हैं. यहां कांग्रेस से पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश को मैदान में उतारा है, जो चौटाला परिवार से नहीं हैं, लेकिन आते जाट समाज से ही हैं. जय प्रकाश तीन बार हिसार से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं.
चौटाला परिवार के तीन लोग एक ही लोकसभा क्षेत्र में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन तीनों खुद को वोट नहीं दे पाएंगे. चौटाला परिवार सिरसा में रहता है. रंजीत चौटाला, नैना और सुनैना तीनों के वोट सिरसा में हैं. हालांकि, नैना चौटाला का मायका हिसार की विधानसभा आदमपुर के गांव दड़ौली में है, जबकि सुनैना चौटाला का मायका हिसार जिले के उकलाना विधानसभा के दौलतपुर गांव में है.
रंजीत सिंह चौटाला और नैना चौटाला को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इसकी बड़ी वजह है. रंजीत चौटाला निर्दलीय विधायक के तौर पर बीजेपी की मनोहरलाल खट्टर सरकार में बिजली मंत्री थे. जबकि नैना चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम. इसलिए किसानों की दोनों से नाराजगी है. जबकि सुनैना चौटाला के सामने ऐसी कोई चुनौती नहीं है. क्योंकि इनेलो किसानों के साथ खड़ी रही. इनेलो के एकमात्र विधायक अभय सिंह चौटाला रहे और उन्होंने कृषि कानूनों के विरोध में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था.
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