Farmers Protest: कर्नाटक में गन्ना किसानों का आंदोलन जारी, CM से मिलने का न्योता ठुकराया, रखी ये शर्त

Farmers Protest: कर्नाटक में गन्ना किसानों का आंदोलन जारी, CM से मिलने का न्योता ठुकराया, रखी ये शर्त

कर्नाटक में गन्ना किसानों का आंदोलन 7वें दिन भी जारी है. किसानों ने बेंगलुरु में सीएम सिद्धारमैया से मिलने का न्योता ठुकरा दिया है. वे 3,500 रुपये प्रति टन कीमत की मांग पर अड़े हैं और सरकार को गुरुवार शाम तक दाम घोषित करने की डेडलाइन दी है.

Karnataka Law Minister Patil meeting agitating farmersKarnataka Law Minister Patil meeting agitating farmers
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 06, 2025,
  • Updated Nov 06, 2025, 12:37 PM IST

कर्नाटक में गन्ना किसानों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है. अपनी फसल का भाव तय करने की मांग को लेकर किसान पिछले सात दिनों से धरने पर बैठे हैं. इस बीच राज्य के कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने किसानों को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलने के लिए आमंत्रित किया है. मंत्री ने कहा कि अगर किसान प्रतिनिधि बेंगलुरु आएंगे तो सीएम से बैठक कर फैसला किया जा सकता है. वहीं, किसान 3,500 रुपये प्रति टन गन्ने की कीमत तय करने की मांग पर अड़े हुए हैं और किसानों ने साफ किया कि वे बेंगलुरु नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर गुरुवार शाम तक राज्य सरकार ऊंचा दाम घोषित करती है तो ही वे आंदोलन खत्म करेंगे, नहीं तो उनका विरोध जारी रहेगा.

किसानों को मिल रहा भारी समर्थन

गुरलापुर क्रॉस, बेलगावी में चल रहा किसानों का धरना सातवें दिन में प्रवेश कर चुका है. आंदोलन धीरे-धीरे बेलगावी, बागलकोट, हावेरी और उत्तर कर्नाटक के अन्य जिलों तक फैल गया है. किसानों के आंदोलन को कई किसान संगठनों, सामाजिक संस्थाओं, विपक्षी दल भाजपा, छात्रों और अन्य संगठनों का समर्थन मिल रहा है. आंदोलनकारियों ने बेलगावी क्षेत्र की कुछ प्रमुख सड़कों को बाधित किया है और टायर जलाकर, पुतले फूंककर अपना विरोध जताया है.

मंत्री ने CM से मीटिंग कराने की पेशकश की

वहीं, मंत्री एच.के. पाटिल ने सरकार की ओर से किसानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें समझाने की कोशिश की कि वे मुख्यमंत्री से चर्चा के लिए आएं. मंत्री पाटिल ने किसानों की मांगें सुनने के बाद कहा कि वे मुख्यमंत्री के साथ बैठक कराने के लिए तैयार हैं. उन्होंने बताया कि गुरुवार शाम तक इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 7 नवंबर की सुबह चीनी मिल मालिकों के साथ बैठक होगी. इसके बाद अधिकारियों के साथ चर्चा की जाएगी. दोपहर दो बजे तक सरकार किसानों के पक्ष में निर्णय लेने की कोशिश करेगी.

किसान बोले- कीमत पर अंत‍िम निर्णय ले सरकार

मंत्री ने किसानों से आग्रह किया कि वे अपने प्रतिनिधि भेजें, ताकि बातचीत आगे बढ़ सके. लेकिनख्‍ किसान नेता श्री शशिकांत गुरुजी ने कहा कि अगर राज्य सरकार गुरुवार शाम तक ऊंचा दाम घोषित नहीं करती तो आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि जिला अधिकारी एक और बैठक बुलाएं और कीमत पर अंतिम निर्णय लें. उसके बाद ही किसान आंदोलन खत्म करने पर विचार करेंगे.

धरना छोड़ बेंगलुरु जाने से किसान नेताओं का इनकार

किसान नेताओं का कहना है कि अगर वे धरना छोड़कर बेंगलुरु जाएंगे तो इससे गलत संदेश जाएगा. शशिकांत गुरुजी ने बेलगावी के प्रभारी मंत्री सतीश जारकीहोली और मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों नेता खुद बेलगावी के हैं और शुगर फैक्ट्री के मालिक हैं, फिर भी उन्होंने आंदोलन कर रहे किसानों से मिलने की जहमत नहीं उठाई. किसान नेता चुनप्पा पुजारी ने सरकार से मांग की कि अगर चीनी मिलें 3,500 रुपये प्रति टन का भुगतान नहीं करतीं, तो बाकी रकम सरकार खुद दे. उन्होंने कहा कि यह किसानों के जीवन और उनकी मेहनत का सवाल है.

पूर्व सीएम ने सरकार को दिया ये सुझाव 

वहीं, विपक्ष में बैठी बीजेपी ने भी किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया है. राज्य भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र मंगलवार को बेलगावी पहुंचे और धरने में शामिल हुए. किसानों ने उनके जन्मदिन के अवसर पर धरनास्थल पर उनका स्वागत किया. पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद बसवराज बोम्मई ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है.

उन्होंने कहा कि किसानों की मांग जायज है और उन्हें 3,500 रुपये प्रति टन का भाव मिलना चाहिए. बोम्मई ने सुझाव दिया कि चीनी मिलें 3,300 रुपये प्रति टन दें और बाकी 200 रुपये प्रति टन सरकार योगदान के रूप में दे. उन्होंने कहा कि सरकार के कई मंत्री खुद शुगर बिजनेस में शामिल हैं, इसलिए मुख्यमंत्री को व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करना चाहिए और इस विवाद का समाधान निकालना चाहिए. (पीटीआई)

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