Farmers Protest: किसान कल ट्रेनों का चक्का जाम करेंगे, कहा- अन्नदाता और देश को बचाने के लिए MSP गारंटी जरूरी

Farmers Protest: किसान कल ट्रेनों का चक्का जाम करेंगे, कहा- अन्नदाता और देश को बचाने के लिए MSP गारंटी जरूरी

किसान अपनी मांगों को लेकर कल 10 मार्च को देशभर में ट्रेनों का चक्का जाम करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने कहा कि सरकार को अपनी ज़िम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए और किसानों और देश को बचाने के लिए एमएसपी की गारंटी के लिए एक कानून लाना चाहिए. 

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा एमएसपी गांरटी जरूरी.किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा एमएसपी गांरटी जरूरी.
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 09, 2024,
  • Updated Mar 09, 2024, 6:30 PM IST

किसान अपनी मांगों को लेकर कल 10 मार्च को देशभर में ट्रेनों का चक्का जाम करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने कहा कि सरकार को अपनी ज़िम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए और किसानों और देश को बचाने के लिए एमएसपी की गारंटी के लिए एक कानून लाना चाहिए. किसान नेताओं ने कहा कि मांगों को लेकर सरकार से सहमति नहीं बनी है. इसलिए देशभर में 10 मार्च को ट्रेन रोको प्रदर्शन किया जाएगा. 

किसानों को बचाने के लिए एमएसपी की गारंटी जरूरी

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने 9 मार्च को चंडीगढ़ में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार को अपनी जिम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए और किसानों और देश को बचाने के लिए एमएसपी की गारंटी के लिए एक कानून लाना चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों के दोनों संगठन केएमएम और एसकेएम -गैर-राजनीतिक ने सरकार के 5 फसलों पर 5 साल के लिए एमएसपी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, क्योंकि उन्हें एक कानून लाना चाहिए एमएसपी की गारंटी के लिए कानून.

सरकार MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर गम्भीर नहीं

किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर गम्भीर नहीं है और केंद्र सरकार द्वारा 5 वर्षों तक 5 फसलों की MSP पर खरीद के प्रस्ताव को दोनों मोर्चे पुनः दोबारा रदद् करते हैं. किसान नेताओं ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत व स्वदेशी का नारा देती है, लेकिन दूसरी तरफ 1 लाख 41 हजार करोड़ के खाद्यान तेल और 29 लाख टन दालें बाहर से आयात करती है. किसान नेताओं ने कहा कि MSP गारंटी कानून बनने के बाद देश की अर्थव्यवस्था का पहिया भी तेजी से दौड़ेगा.

आम किसानों को गुमराह किया जा रहा

किसान नेताओं ने बताया कि आम किसानों को गुमराह करने के लिए सरकार व अन्य लोग कह रहे हैं कि किसानों की ज्यादातर मांगें सरकार मान चुकी है, लेकिन 4 मीटिंगों में हुई बातचीत को किसान नेताओं ने आज जनता तक साझा कर के सारी स्थिति स्पष्ट कर दी है. किसान नेताओं ने बताया कि 4 दौर की मीटिंगों में सरकार ने किसान संगठनों को कृषि क्षेत्र को प्रदूषण कानून व बिजली कानून से बाहर रखने पर मौखिक सहमति दी है, लखीमपुर खीरी के घायल किसानों को मुआवज़ा व शहीद किसानों के परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी देने व 2020-21 के किसान आंदोलन के बचे हुए मुकदमों को खत्म करने पर मौखिक सहमति दी है. 

मांगों पर सहमति नहीं बनने पर रेल रोको कार्यक्रम 10 मार्च को

किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने मसाला आयोग के गठन पर मौखिक सहमति दी है, खराब बीज व खाद के मुद्दे पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान बनाने पर मौखिक सहमति दी है. लेकिन, MSP गारंटी कानून, किसानों व मजदूरों की कर्ज़मुक्ति, स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूले के अनुसार MSP, 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून लागू करने, साल में 200 दिन मनरेगा के अनुसार रोजगार व मनरेगा को खेती से जोड़ने सहित अन्य मांगों को पूरा करने पर कोई सहमति नहीं बनी है. इसलिए किसान आंदोलन जारी है. कल 10 मार्च को दोनों मंचों द्वारा देशभर में सैंकड़ों जगहों पर रेल रोको कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.

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