महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए बैंकों को एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया है. उन्होंने बैंकों से कहा है कि कृषि ऋण वो किसानों के CIBIL स्कोर पर जोर न दें. उनकी तरफ से बैंकों को कहा गया है कि सिबिल पर ध्यान दिए बगैर किसानों को कर्ज दिया जाए. सिबिल दरअसल एक तरह का क्रेडिट योग्यता को मापने का सिस्टम है जिसके तहत यह पता चलता है कि जिस व्यक्ति ने कर्ज के लिए अप्लाई किया है, वह उसे चुकाने के योग्य है या नहीं.
CIBIL स्कोर भारत के क्रेडिट ब्यूरो में से एक, ट्रांसयूनियन CIBIL का क्रेडिट स्कोर है. यह 300 से 900 तक होता है. 'क्रेडिट स्कोर' शब्द में CIBIL और एक्सपेरियन या इक्विफैक्स जैसे ब्यूरो के बाकी स्कोर शामिल हैं. सीएम फडणवीस मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में आयोजित 167वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (SLBC) की मीटिंग में पहुंचे थे जहां पर उन्होंने यह बात कही. उन्होंने कहा, 'अगर किसानों को कृषि ऋण नहीं मिलता है तो इसका अर्थव्यवस्था पर गलत असर पड़ता है और किसान आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं.'
उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से बैंकों को बार-बार CIBILन पूछने का निर्देश दिया गया है लेकिन फिर भी वो इस परंपरा को जारी रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि इसे आज की मीटिंग में ही हल किया जाना चाहिए. सीएम के अनुसार पहले भी ऐसे बैंकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं. यह एक गंभीर मुद्दा है जिसे बैंकों को जिम्मेदारी से संभालना चाहिए.
सीएम फडणवीस ने चेतावनी दी और कहा, 'भारतीय रिजर्व बैंक ने भी कृषि ऋण के संबंध में स्पष्टता जारी की है. अगर कोई बैंक शाखा CIBIL पर जोर देती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.' मुख्यमंत्री ने नेशनलाइज्ड बैंकों को इस साल ऋण वितरण लक्ष्यों को पूरा करने और कृषि ऋण कवरेज का विस्तार करने के लिए विशेष प्रयास करने के लिए कहा. मीटिंग के दौरान वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए महाराष्ट्र के लिए 44.76 लाख करोड़ रुपये की ऋण योजना को मंजूरी दी गई.
सीएम फडणवीस ने देश में महाराष्ट्र की मजबूत स्थिति के बारे में कहा. साथ ही कहा कि किसान राज्य की रीढ़ हैं और कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. उन्होंने बताया कि राज्य कृषि के लिए एक निवेश नीति लागू कर रहा है. बैंकों को इसमें सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए क्योंकि उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. उनका कहना था कि इस क्षेत्र के लिए हर साल 5,000 करोड़ रुपये का निवेश लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
फडणवीस ने कहा कि किसानों को ज्यादा कर्ज देने से बैंकों को ही फायदा होगा. कृषि को अब न सिर्फ एक सहायक क्षेत्र के रूप में देखा जाता है बल्कि यह एक इंडस्ट्री का रूप ले चुका है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ऋण देने वाली संस्थाओं को इस परिवर्तन में योगदान देना चाहिए. इसके साथ ही फडणवीस ने महाराष्ट्र में एफपीओ (किसान उत्पादक संगठनों) की महत्वपूर्ण उपस्थिति पर प्रकाश डाला और कहा कि वे कृषि विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
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