बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव (केटीआर) ने किसानों की आत्महत्या को लेकर तेलंगाना सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि किसानों की आत्महत्या की जो घटनाएं सामने आ रही हैं, वो सरकारी हत्याएं हैं. रेवंत रेड्डी की सरकार के गलत फैसलों और वादे पूरे न करने के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं. केटीआर ने साफ किया कि किसानों की आत्महत्या के मुद्दे का अध्ययन करने के लिए बनी कमेटी के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. कमेटी किसानों के सामने आने वाली जमीनी चुनौतियों की जांच करेगी.
कमेटी बनाने का एकमात्र उद्देश्य किसानों के साथ खड़ा होना है. पूर्व मंत्री निरंजन रेड्डी के आवास पर आयोजित अध्ययन समिति की पहली बैठक के बाद मीडिया से बात की. केटीआर ने कहा कि आदिलाबाद में एक किसान ने बैंक में आत्महत्या की थी, इस दुखद घटना के कारण ही इस कमेटी का गठन किया गया है.
बीआरएस अध्यक्ष केसीआर के निर्देशों का पालन करते हुए कमेटी इस महीने की 24 तारीख को आदिलाबाद जिले से अपना काम शुरू करेगी. अगले महीने में यह सभी जिलों का दौरा करेगी और सभी क्षेत्रों के किसानों से बातचीत कर कर्ज माफी की स्थिति, बिजली आपूर्ति, खेती की स्थिति, समर्थन मूल्य, बोनस, खरीद केंद्रों की उपलब्धता और रायथु वेदिकाओं की कार्यक्षमता सहित विभिन्न मुद्दों का अध्ययन करेगी.
कमेटी किसानों की आत्महत्या के कारणों का विश्लेषण करेगी और अपने निष्कर्ष केसीआर और राज्य सरकार दोनों को सौंपेगी. केटीआर ने बताया कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने वारंगल में 'किसान घोषणा' कार्यक्रम के दौरान किसानों से कई वादे किए थे.
इनमें 2 लाख रुपये की कर्ज माफी, 15,000 रुपये किसान सहायता, समर्थन मूल्य, बोनस और व्यापक खरीद केंद्र बनाना शामिल था. इन वादों पर विश्वास करते हुए ही किसानों ने कांग्रेस पार्टी को चुनाव जिताया, लेकिन कांग्रेस इन उम्मीदों पर खरा उतरने में बुरी तरह फेल साबित रही है.
केटीआर ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में केसीआर के कार्यकाल के दौरान किसानों में बहुत आत्मविश्वास था. उन्होंने रायथु बंधु, रायथु बीमा, 24 घंटे मुफ्त बिजली, भूमि राजस्व और जल करों को खत्म करना, जल निकायों को बहाल करने के लिए मिशन काकतीय, पलामुरु रंगारेड्डी लिफ्ट सिंचाई योजना, कालेश्वरम और सीताराम परियोजनाओं जैसी क्रांतिकारी पहलों को शुरू किया.
केटीआर ने कहा कि इन परियोजनाओं ने किसानों के मुद्दों को स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी अन्य राज्य की तरह संबोधित नहीं किया है. यहां तक कि केंद्र सरकार ने भी संसद में स्वीकार किया कि तेलंगाना ने किसानों की आत्महत्याओं में काफी कमी दर्ज की है.
केटीआर ने कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वे मानते हैं कि एक झूठ को सौ बार दोहराने से वह सच हो जाएगा. उन्होंने दावा किया कि उनके शासन के दौरान, बीआरएस ने मी-सेवा केंद्रों के माध्यम से 6.47 लाख से अधिक राशन कार्ड बांटे.
केटीआर ने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार के पास ग्राम सभाओं के दौरान लोन माफी और रायथु बंधु के बारे में लोगों के सवालों के जवाब नहीं हैं. लोग अपनी मर्जी से सरकार से सवाल कर रहे हैं, उनकी पार्टी का कोई भी नेता इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल नहीं है.
केटीआर ने रेवंत रेड्डी की सरकार पर विपक्षी नेताओं के खिलाफ अवैध मामले दर्ज करने और सोशल मीडिया पोस्ट पर लोगों को गिरफ्तार करने के दौरान जनता की शिकायतों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया.
उन्होंने टिप्पणी की कि रेवंत की सरकार मामलों के लिए फार्मूले को प्राथमिकता देती है, जबकि बीआरएस "किसानों के लिए फार्मूले" को प्राथमिकता देती है. केटीआर ने यह घोषणा करके निष्कर्ष निकाला कि वे जल्द ही हाईकोर्ट के फैसले के अनुरूप नलगोंडा में किसान धरना आयोजित करेंगे. (अब्दुल बशीर की रिपोर्ट)