चुनाव आयोग ने हाल ही में हरियाणा राज्य में चुनावी तैयारियों की समीक्षा पूरी कर ली है. माना जा रहा है कि चुनाव आयोग महाराष्ट्र से पहले हरियाणा में चुनाव करा सकता है. आयोग ने राज्य में सुरक्षा की तैयारियों का जायजा लिया है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयोग के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दो दिनों के दौरे पर था. इस टीम में इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार और एसएस संधू शामिल थे. टीम ने 12 और 13 अगस्त को चंडीगढ़ के दो दिवसीय दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की.
हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल तीन नवंबर को खत्म होने वाला है. राज्य में 90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं. इस बात की चर्चा जोरों पर है कि चुनाव आयोग महाराष्ट्र के साथ हरियाणा में चुनाव नहीं कराएगा. इस चर्चा पर तेजी से चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि इलेक्शन कमीशन की टीम ने अभी तक चुनाव तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्य का दौरा नहीं किया है. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः 26 नवंबर और 5 जनवरी को खत्म हो रहा है.
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दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर में सितंबर में चुनाव कराने का निर्देश दिया है. चूंकि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल चुनावी राज्यों में सबसे जल्दी खत्म होने वाला है इसलिए ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि चुनाव आयोग महाराष्ट्र और झारखंड पर ध्यान केंद्रित करने से पहले हरियाणा में जम्मू-कश्मीर के चुनाव एक साथ कराने का विकल्प चुन सकता है. चुनाव आयोग ने मंगलवार को कहा था कि हरियाणा के लिए आखिरी वोटर लिस्ट 27 अगस्त 2024 को जारी की जाएगी. हरियाणा में चुनाव की आखिरी तारीखों पर फैसला अगले सप्ताह लिए जाने की संभावना है.
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हरियाणा में होने वाले चुनावों को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के लिए अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है. राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार राज्य में दो पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच कड़ी टक्कर होने की पूरी उम्मीद है. बीजेपी के लिए लोकसभा चुनावों में खोई जमीन को फिर से हासिल करना एक कठिन काम है. लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने राज्य की 10 में से 5 सीटें जीतने में सफल रही. जबकि साल 2019 में बीजेपी ने 10 में दसों अपने नाम की थीं.
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लोकसभा चुनाव से ही कांग्रेस को बढ़त हासिल है. अब उसे पूरी उम्मीद है कि वह लोकसभा चुनाव में भी अपनी इसी गति को बनाए रखेगी. भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में पार्टी चुनावी अभियान में उतरने को तैयार है. उसके साथ ही अब कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि वह वापसी करेगी और राज्य में अपनी सरकार बनाएगी. साल 2019 में 21 अक्टूबर को राज्य में चुनाव हुए थे उस समय बीजेपी ने विधानसभा की 90 सीटों में से 40 सीटें जीतीं थी. जबकि कांग्रेस के हिस्से में 31 सीटें आई थीं. दोनों पार्टियां बहुमत के आंकड़े से दूर थीं. लेकिन बीजेपी ने आखिर में 10 सीटों के साथ दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी का समर्थन हासिल किया और सरकार बनाई.