इन दिनों मंडियों में सोयाबीन बिकने के लिए तैयार है, लेकिन बाजार में किसानों को सोयाबीन के अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं. किसान इसी इंतजार में हैं कि उन्हें कब सोयाबीन का सही भाव मिलेगा. ऐसे में किसानों को अपनी उपज जल्दबाजी में बेचने की जगह उसे स्टोर करना चाहिए. इससे बाद अच्छे दाम मिलने की संभावना बनी रहेगी.
हालांकि, सोयाबीन का भंडारण करने में कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि सोयाबीन बेहद कच्ची उपज है. इसमें नमी की मात्रा अधिक हो या इसके अधिक सूख जाएं तो दोनों परिस्थितियों में खतरा बना रहता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि सोयाबीन को कैसे सही ढंग से स्टोर करना चाहिए.
अगर सोयाबीन की कटाई के समय उसमें नमी की मात्रा 13 परसेंट से अधिक है, तो सबसे पहले उस नमी को कम करने का उपाय करें. नमी कम करने के लिए उसे सुखा सकते हैं. ध्यान रखें कि नमी कम किए बिना उसे स्टोर नहीं करना है, वर्ना पूरी उपज सड़ जाएगी. इससे आपको भारी नुकसान होगा.
सोयाबीन को सूखी और हल्की ठंडी जगह में रखना चाहिए. सूखी जगह होने से उपज में फफूंद जैसी बीमारी नहीं लगेगी. साथ ही दाने खराब होने से बच जाएंगे. तापमान पर ध्यान दें अगर यह बढ़ता है या हवा में नमी बढ़ती है तो उपज को बाहर निकाल लें. फिर उपज को ड्रायर या कूलर की मदद से सुखा लें.
स्टोर करने से पहले या बाद में सोयाबीन पर लगने वाले कीट-पतंगों पर नजर रखें. ये उपज को सबसे अधिक हानि पहुंचाते हैं. अगर किसी तरह का कीट उपज में दिखाई दे तो उसे कतई स्टोर न करें क्योंकि कीटों का हल्का अटैक भी पूरी उपज को बर्बाद कर सकता है. दानों की ठीक से मॉनिटरिंग कर लें ताकि बीमारी समय पर पकड़ी जा सके.
सोयाबीन को स्टोर करने से पहले कई बातों पर ध्यान रखना होता है. सबसे पहले तो जूट के बोरे में या किसी हवादार पात्र में ही उपज को रखें. अगर बोरे में रख रहे हैं तो उसे स्टोर में रखने के लिए ऐसी मशीन का उपयोग करें जो बोरे को बहुत हल्के से फर्श पर रखे. बोरे को झटके में पटकना नहीं है क्योंकि इससे दाने टूट जाते हैं.
अगर भंडारण से पहले सोयाबीन को ग्रेन ड्रायर से सुखा रहे हैं तो सावधानी बरतनी होगी. उपज को अधिक नहीं सुखाना है क्योंकि इससे दाने चटक सकते हैं. अधिक सुखाने से दाने सिकुड़ भी सकते हैं. अगर कुदरती हवा से सोयाबीन को सुखाना चाहते हैं तो ऐसे फर्श का इस्तेमाल करें जो छिद्रदार हो.