खनौरी और शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए किसानों के टेंट और अन्य सामान हटा दिए. एक दिन पहले पंजाब पुलिस ने कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया था जिसके बाद जगह-जगह धरने प्रदर्शन चल रहे हैं.
खनौरी बॉर्डर पर किसान कई महीने से डेला जमाए हुए थे. किसानों ने अपनी सुविधा के सारे सामान यहां जुटाए थे. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इन सभी सामानों को हटा दिया. यहां तक कि ट्रैक्टर ट्रॉली को भी दूर हटा दिया गया.
बुधवार को किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई की है. जहां-जहां किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, वहां से पुलिस ने उन्हें हटा दिया है. पुलिस का कहना है कि किसानों ने भी हटने में मदद की.
किसानों का आरोप है कि पुलिस ने धरनास्थल से उन्हें जबरन उठाया और उनके सामान हटा दिए. खनौरी बॉर्डर पर 200 किसानों को हिरासत में लिया गया और पुलिस इन्हें अपने साथ ले गई. उधर शंभू बॉर्डर पर भी ऐसी ही कार्रवाई की गई.
किसानों को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ गुरुवार को पंजाब के तरन तारण में बड़ी संख्या में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया. किसान नेता सतनाम पन्नू की अगुवाई में किसानों ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया और किसानों की रिहाई की मांग की.
तरन तारण में ही किसानों ने एकजुटता दिखाते हुए बड़ी संख्या में जुटान किया और पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. किसानों के खिलाफ हुई कार्रवाई को गलत बताते हुए अपनी मांगों को पूरा करने का आह्वान किया. पुरुष किसानों के साथ बड़ी संख्या में महिला किसान भी जुटीं.
पंजाब के बठिंडा में भी धरनास्थलों पर कार्रवाई की गई. पंजाब सरकार के खिलाफ कल मोर्चा भंग करने को लेकर आज किसान बठिंडा रामपुरा के मोड़ चौक में धरना लगाने पहुंचे तो पुलिस ने किसानों को धरना नहीं लगाने दिया और किसानों को डिटेन कर लिया.
पंजाब के जिन इलाकों में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ आज विरोध प्रदर्शन हुआ उसमें बठिंडा भी एक है. किसान पूरी तैयारी के साथ अपना धरना शुरू करने वाले थे. लेकिन पुलिस ने इसे विफल कर दिया. पुलिस ने समझा कर और कार्रवाई कर किसानों को हटा दिया.
पंजाब के मोगा में भी किसानों को पुलिस ने विरोध प्रदर्शन करने से रोक दिया और बड़ी संख्या में जुटे किसानों को हटा दिया. ये सभी किसान पंजाब पुलिस की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे. हालात सामान्य करने के लिए पुलिस ने किसानों को एक जगह नहीं जुटने दिया.
विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों ने कहा कि पुलिस उनकी आवाज को दबा रही है. किसानों का कहना है कि उनकी वाजिब मांगें हैं जिन्हें सरकार को मानना चाहिए. इन मांगों में एक मांग एमएसपी की कानूनी गारंटी भी है जिसके लिए कई महीने से किसान नेता जगजीत डल्लेवाल अनशन कर रहे हैं. उन्हें भी हिरासत में लिया गया है.