महाकुंभ में पहुंचे अनाज वाले बाबा, सिर पर उगा रहे गेहूं-चना और जौ, फसल पकने पर बांटते हैं प्रसाद

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महाकुंभ में पहुंचे अनाज वाले बाबा, सिर पर उगा रहे गेहूं-चना और जौ, फसल पकने पर बांटते हैं प्रसाद

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कई बार कुछ अनोखे लोग आपको दिख जाएं तो आप भी सोच में पड़ जाते होंगे कि आखिर इन्होंने ऐसा वेष क्यों धारण किया है. लेकिन उनकी वेशभूषा के पीछे कुछ ना कुछ अवेयरनेस से जुड़ी कहानी होती है, ऐसे ही है कुछ अनाज वाले बाबा जो पर्यावरण को लेकर बहुत चिंतित है, इसलिए सभी को पर्यावरण के प्रति जागरुक करते हैं, लेकिन इनका अंदाज बिल्कुल अनोखा है.
 

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उत्‍तर प्रदेश के प्रयागराज के कुम्भ मेला क्षेत्र में एक बाबा अपने अलग रूप के कारण काफी चर्चा में हैं, जो कोई भी बाबा को देख रहा है हैरान हो रहा है और इसका कारण जाने को उत्सुक हो रहा है कि उन्होंने ऐसा आखिर किया क्यों? इन बाबा का नाम है अनाज वाले बाबा. अनाज वाले बाबा का नाम वैसे तो अमरजीत है. वे मारकुंडी सोनभद्र के रहने वाले हैं और एक हठयोगी है और हठयोगी वो विश्व शांति विश्व कल्याण के लिए कर रहे हैं. 
 

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अनाज वाले बाबा ने कहा कि पेड़ों की बेतहाशा कटाई हो रही है और इसलिए मैं इस तरह का संकल्प लेकर हरियाली का संदेश दे रहा हूं. अनाज वाले बाबा अपने सिर पर जौ, गेहूं, बाजरा, चना जैसी फसलों को लगा रखा है और लाल फसल भी देखी जा सकती है. हालांकि, उनकी जौ उनके सिर पर भी पहुंच चुकी है और इससे उन्‍हें दर्द भी होता है. 
 

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दर्द की बात पर उन्होंने कहा कि यही तो हठयोग है और एक संत के अलावा यह कोई नहीं कर सकता. पिछले 14 वर्ष से वह लगातार इसी तरह का हठयोग करते आ रहे हैं और अपने सिर पर फसलों को उगा रहे हैं. 
 

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बाबा कहते हैं कि यह फसल मौनी अमावस्या के दिन तैयार होगी और उसमें से हम लोगों को प्रसाद बाटेंगे. जो इसको प्रसाद को पाएगा वह धन्य हो जाएगा. इससे पहले इस मंगलवार को वह चने की फसल तैयार होने पर चने का प्रसाद लोगों को देंगे.
 

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अनाज वाले बाबा को जो कोई देख रहा है, वह रुक जा रहा है और सेल्फी, फोटो ले रहा है और अनाज वाले बाबा को प्रणाम कर रहा है. लोग उनसे इसका रहस्य पूछ रहे हैं. 
 

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बाबा भी खुशी से सबको अपने इस संकल्प के बारे में बताते हैं और लोगों से अपील करते हैं कि वह भी हरियाली के प्रति लोगों को जागरूक करें और पेड़ पौधों को ना काटे, क्योंकि देश के सभी लोगों के लिए पर्यावरण बहुत जरूरी जागरूकता भी फैलाते हैं.(आनंद राज की रिपोर्ट)

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