राजस्थान, एमपी एवं छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत मिलने के बावजूद इन राज्यों में CM Face का चयन करने में पार्टी को एक सप्ताह का समय लग गया. भाजपा संसदीय बोर्ड द्वारा इस मुद्दे पर विधायकों की सहमति से नए सीएम को चुनने के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए थे. एमपी के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पार्टी के ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण और पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा को पर्यवेक्षक बनाया गया है. तीनों पर्यवेक्षक आज भोपाल पहुंच रहे हैं. इसके बाद विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. इसमें नए सीएम काे चुनने के बाद राज्यपाल के समक्ष नई सरकार के गठन का दावा पेश कर दिया जाएगा.
भाजपा की एमपी प्रदेश इकाई की ओर से बताया गया कि राज्य के नव निर्वाचित विधायक दल की बैठक सोमवार को पार्टी के भोपाल स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित की गयी है. बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा नियुक्त खट्टर सहित तीनों पर्यवेक्षक आज सुबह 10ः30 बजे भोपाल पहुंचेंगे.
इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की ओर से विधायकों के इस फैसले से राज्यपाल को अवगत कराते हुए सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया जाएगा. इस दौरान राजभवन जाने वाले भाजपा के प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के अलावा सीएम के रूप में चुने गए विधायक दल के नेता और तीनों पर्यवेक्षक सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. उसी समय राज्यपाल की ओर से विधायक दल के नेता को भावी सरकार के गठन के लिए आमंत्रित कर दिया जाएगा. इसके साथ ही प्रदेश में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगी. तत्पश्चात शपथ ग्रहण समारोह का समय एवं स्थान तय होगा.
समझा जाता है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व तीनों राज्यों में सीएम पद पर नए चेहरों की ताजपोशी करने का पक्षधर है. जिससे इन प्रदेशों में नए नेतृत्व को उभरने का मौका दिया जा सके. इसकी बानगी छत्तीसगढ़ में देखने का मिल गई है. रविवार को रायपुर में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में विष्णुदत्त साय को सीएम, अरुण साव और विजय शर्मा को डिप्टी सीएम तथा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला किया गया.
हालांकि एमपी में 18 साल से सीएम की कुर्सी संभाल रहे शिवराज चौहान सीएम पद की दौड़ में लगातार बने हुए हैं. चौहान के अलावा नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय भी सीएम पद की दौड़ में शामिल हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि छत्तीसगढ़ में 15 साल तक सीएम रहे रमन सिंह को जिस प्रकार स्पीकर पद देकर से संतुष्ट करना भाजपा आलाकमान के लिए सुगम रहा, क्या उतनी ही सुगमता से शिवराज को पार्टी मना पाएगी. माना यह भी जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में कोई चौंकाने वाला नया नाम भी सामने आ सकता है.