Rajya Sabha Election : यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों पर मतदान शुरू, अखिलेश ने जताई क्रॉस वोटिंग की आशंका

Rajya Sabha Election : यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों पर मतदान शुरू, अखिलेश ने जताई क्रॉस वोटिंग की आशंका

यूपी से राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव हो रहा है. इसके लिए मंगलवार को सुबह 9 बजे से विधानसभा में मतदान शुरू हुआ. विधानसभा की मौजूदा स्थिति को देखते हुए 7 सीटों पर भाजपा और 2 सीट पर सपा उम्मीदवारों का जीतना तय है. एक सीट पर हार जीत का फैसला Cross Voting से होना भी निश्चित है.

यूपी में राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो: साभार यूपी सरकार)यूपी में राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो: साभार यूपी सरकार)
न‍िर्मल यादव
  • Lucknow,
  • Feb 27, 2024,
  • Updated Feb 27, 2024, 12:17 PM IST

यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों पर हो रहे चुनाव में राजनीति गरमा गई है. एक सीट पर Ruling Party भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा के बीच कांटे का मुकाबला है. इस सीट का गुणा गण‍ित कुछ ऐसा बन गया है कि बिना सेंधमारी किए चुनाव परिणाम निकलना मुमकिन नहीं है. ऐसे में भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है. मतदान शुरू होने से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर सपा के वोटों में सेंध लगाकर क्रॉस वोटिंग कराने का आरोप मढ़ दिया. अखिलेश ने इस सीट को सपा की झोली में डालने के लिए Dinner Diplomacy से लेकर Voters Training तक सभी जतन कर लिए, लेकिन फिर भी बात बनती न देख, उन्होंने भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपनाने का आरोप लगाकर अपनी नाराजगी जताई है.

ये है चुनाव का गणित

यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए आज शाम 4 बजे तक मतदान होगा. शाम 5 बजे होने वाली मतगणना में सभी की निगाहें उस 10वीं सीट पर टिकी हैं जिसे पाने के लिए भाजपा और सपा के बीच Tough Fight है. इस चुनाव में 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनके भाग्य का फैसला 396 विधायक करेंगे. सदन के Political Equations को देखते हुए भाजपा के पास 287 विधायकों और सपा के पास कांग्रेस के 2 विधायकों सहित कुल 108 विधायकों का समर्थन है.

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ये चेहरे हैं मैदान में

भाजपा ने जिन 8 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है, उनमें आरपीएन सिंह, सुधांशु त्रिवेदी, चौधरी तेजवीर सिंह, साधना सिंह, अमरपाल मौर्य, संगीता बलवंत, नवीन जैन और संजय सेठ शामिल हैं. वहीं सपा ने जया बच्चन, रामजी लाल सुमन और पूर्व नौकरशाह आलोक रंजन को प्रत्याशी बनाया है.

गौरतलब है कि सपा के पास प्रथम वरीयता के 34 विधायकों के वोट हैं. जबकि भाजपा के पास प्रथम वरीयता के 29 विधायकों के वोट हैं. स्पष्ट है कि क्रॉस वोटिंग के बिना भाजपा के लिए अपना 8वां प्रत्याशी और सपा के लिए अपना तीसरा प्रत्याशी जितवा पाना मुमकिन नहीं है. अब देखना होगा कि दोनों दलों के इन 11 उम्मीदवारों में से किसे हार का सामना करना पड़ेगा.

निर्वाचन नियमों के मुताबिक इस चुनाव में मतदान के लिए बैंगनी रंग के स्केच पेन से वोट डाले जाएंगे. निर्वाचन अधिकारी ने वोटिंग के लिए निर्देश दिए हैं कि अन्य किसी पेन से डाले गए मत को खारिज कर दिया जाएगा.

अखिलेश को अंदेशा है सेंधमारी का

मंगलवार को सुबह नौ बजे मतदान शुरू होने तक भाजपा का पलड़ा भारी दिखने लगा था. सपा को अपने खेमे में सेंधमारी होने का अंदेशा पहले से था. इसे परखने के लिए ही अखिलेश ने सोमवार को अपने विधायकों के लिए डिनर का आयोजन किया था. सूत्रों के मुताबिक अखिलेश के डिनर से तमाम कोशिशों के बावजूद लगभग 8 विधायकों दूरी बनाकर रखी.

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प्राप्त जानकारी के मुताबिक इनमें अखिलेश के कुछ करीबी विधायक भी शामिल थे. अमेठी में गौरीगंज से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह, अयोध्या जिले से विधायक अभय सिंह, पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडे और अंबेडकरनगर से विधायक राकेश पांडे डिनर से दूर रहे. राकेश प्रताप ने मतदान से पहले विधानसभा में कहा कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट देंगे. इससे पहले राकेश प्रताप अपनी पार्टी की दोनो मीटिंग में नहीं गए थे.

वहीं राकेश पांडे के सांसद बेटे रितेश पांडे द्वारा बसपा छोड़ भाजपा का दामन थामने के बाद से ही उनका सुर भी बदल गया है. वहीं मनोज पांडे ने आज सुबह सचेतक पद से इस्तीफा देकर अपने रुख का अहसास करा दिया. इनके अलावा पल्लवी पटेल, पूजा पाल, विनोद चतुर्वेदी और महाराजी प्रजापति भी निडर होकर डिनर से नदारद रहे. इस बीच सूत्रों से पता चला है कि बसपा के विधायक उमाशंकर सिंह को पार्टी नेतृत्व ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा को वोट देने के लिए कह दिया है.

इधर हवा का रुख भांप कर अखिलेश ने भी भाजपा पर हमलावर रुख अपना लिया है. उन्होंने मतदान शुरू होने से पहले अपने एक बयान में चंडीगढ़ में मेयर के चुनाव में हुई धांधली का हवाला देते हुए कहा कि चुनाव जीतने के लिए भाजपा सब तरह के हथकंडे अपनाती है. बीजेपी लाभ का प्रलोभन देती है. जिन्हें लाभ मिलने वाला होगा वे चले जाएंगे. लेकिन दूसरों के लिए गड्ढा खोदने वाले खुद गड्ढे में गिरते हैं.

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