केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. वे बाढ़ प्रभावित इलाकों में गए और किसानों से मिले. वे खेतों में भी गए और फसल नुकसान का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार से उन्हें हरसंभव मदद दी जाएगी.
पंजाब दौरे के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा, अभी क्षति का आकलन होगा, केंद्र सरकार ने दो केंद्रीय टीमें भेज दी हैं, जो नुकसान का आकलन करेगी, राज्य सरकार भी अपनी तरफ से असिसमेंट करेगी. मैं केवल इतना ही कहता हूं प्रधानमंत्री जी के निर्देश पर आया हूं. संकट की इस घड़ी में अपने पंजाब के साथ, अपने पंजाब के किसान भाइयों और बहनों के साथ, पंजाब की जनता के साथ सरकार डटकर खड़ी है और इस संकट के पार निकालकर ले जाएगी.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, पंजाब में जलप्रलय की स्थिति है. फसलें पूरी तरह से डूबी हुई हैं. बिना खेत में जाए दर्द और नुकसान का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. फसलों पर संकट है. स्थिति देखकर मन द्रवित है. हम किसानों को हौसला नहीं हारने देंगे, मजबूती से साथ खड़े हैं.
कृषि मंत्री ने कहा, संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार पंजाब की जनता और किसानों के साथ खड़ी है. पंजाब में आपदा का संकट है. मैं यहां अपने भाई-बहनों से मिलकर उनकी परेशानियां साझा कर रहा हूं. परेशानी बांटने से बोझ थोड़ा कम हो जाता है और हम यह विश्वास दिलाते हैं कि हम सब मिलकर इस संकट से पार निकलेंगे. प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पूरी संवेदनशीलता और मजबूती के साथ पंजाब के भाई-बहनों के साथ खड़ी है.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, स्थिति बहुत गंभीर है, संकट भयानक है. जलप्रलय के कारण फसलें पूरी तरह से जो डूबी हैं, तबाह और बर्बाद हो गई हैं. 1400 गांव पूरी तरह प्रभावित हैं. अभी कपूरथला और मैं जाने वाला हूं. 26 सितंबर से यहां खेतों में पानी भरा हुआ है. फसलें पूरी तरह से तबाह और बर्बाद हो गई हैं. आज भी रावी का पानी खेतों में बह रहा है. मैं देख रहा हूं, पांव के नीचे मिट्टी नहीं, सिल्ट है जो जमा हो गई है. ये फसल तो खत्म हो गई है, अगली फसल पर भी संकट है.
उन्होंने कहा, बिना जाए दर्द और नुकसान का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. मैं कोई मंत्री के रूप में नहीं, मैं तो किसानों और पंजाब के सेवक के रूप में आया हूं. प्रधानमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं देखकर आने के, तो यहां देखने की कोशिश कर रहे हैं, नुकसान का आकलन कर रहे हैं. स्थिति देखकर मन द्रवित हो जाता है. ये चैलेंज है, लेकिन किसानों और जनता के लिए हम सब करेंगे.