पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत सिंह मान के विधानसभा क्षेत्र धुरी के गन्ना किसान अपने गन्ने की फसल की खरीद न होने और अपने इलाके में लगे निजी गन्ना मिल के बंद होने से निराश चल रहे हैं. इसको लेकर वे कई बार नेशनल हाईवे तक जाम कर चुके हैं. लोकल प्रशासन, मिल मैनेजमेंट और पंजाब शुगर केन कमिश्नर के साथ मीटिंग हो चुकी है. लेकिन इसके बावजूद किसानों की फसल अच्छे तरीके से खरीदी नहीं जा रही है. न ही अगले साल गन्ना खरीद का आश्वासन मिल रहा है, जिसको लेकर किसान परेशान हैं.
जब किसान धरना देते हैं तो उसके अगले दिन मीटिंग हो जाती है. फैसला हो जाता है कि किसानों की गन्ने की फसल इसी गन्ना मील में खरीदी जाएगी, लेकिन उसके बाद किसान फिर सर्दी में परेशान होते रहते हैं.
शुक्रवार 5 जनवरी को पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन उग्राहा की ओर से गन्ना किसानों के समर्थन में निजी गन्ना मिल के गेट के आगे संगरूर और मलेरकोटला जिले के किसानों ने बड़ा प्रदर्शन किया. यहां से सरकार को सीधी चेतावनी दी गई कि वह इलाके का निजी गन्ना मिल शुरू करवाए और किसानों की फसल को खरीदे, नहीं तो किसान चंडीगढ़ कूच करेंगे. वहीं पंजाब में 22 जनवरी से लेकर 26 जनवरी तक जिले के हेड क्वार्टर पर चलने वाले धरनों में भी इस मांग को मुख्य तौर पर रखे जाने की बात कही गई है.
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किसान नेता जगतार सिंह और जनक सिंह ने बताया कि जब देश में हरित क्रांति लानी थी, जब देश को फसलों की जरूरत थी, तब किसानों को मुफ्त में बीज और खाद दिए गए. वहीं जब किसानों ने सरकार की ज़रूरतें पूरी कर दी तो उसके बाद अब किसानों को परेशान किया जा रहा है. पहले तो किसानों को गन्ने की फसल के पैसों का इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब उल्टा हो गया है. अब तो फसल ही नहीं खरीदी जा रही. उन्होंने कहा कि आज यानी शुक्रवार को एक दिन के लिए यहां पर धरना दिया है. अगर सरकार ने किसानों की बात नहीं मानी, मिल मालिकों से बातचीत नहीं की तो किसान बड़ा एक्शन प्लान करेंगे, चाहे उन्हें चंडीगढ़ ही क्यों न जाना पड़े.
आपको बता दें कि यहां के निजी गन्ना मिल को खुलवाने के लिए किसानों का प्रदर्शन पिछले लंबे समय से चल रहा है. कुछ दिन पहले किसानों ने रेलवे ट्रैक भी जाम किया था जिसके बाद किसानों को गिरफ्तार किया गया था. वहीं पंजाब के कृषि मंत्री के साथ किसानों की बैठक 3 जनवरी को तय हुई थी, लेकिन अब इसको बदलकर 10 जनवरी कर दिया गया है. अब देखना होगा कि 10 जनवरी को गन्ना किसानों के साथ होने वाली पंजाब के कृषि मंत्री की बैठक में क्या निकलकर सामने आता है. क्या किसानों की फसल खरीदी जाएगी या फिर किसान इसी तरह से परेशान होते रहेंगे.