गढ़चिरौली में 6 करोड़ का धान खरीद घोटाला, तत्कालीन मैनेजर समेत तीन कर्मचारी गिरफ्तार

गढ़चिरौली में 6 करोड़ का धान खरीद घोटाला, तत्कालीन मैनेजर समेत तीन कर्मचारी गिरफ्तार

गढ़चिरौली के स्थानीय अपराध शाखा पुलिस ने गढ़चिरौली में आदिवासी महामंडल के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक गजानन कोटलावर सहित निगम के तत्कालीन कनिष्ठ सहायक और ग्रेडर को 6 करोड रुपये के गबन के मामले में गिरफ्तार किया है. धान खरीद का यह मामला साल 2022-23 का है.

धान खरीद में घोटाला (सांकेतिक तस्वीर)धान खरीद में घोटाला (सांकेतिक तस्वीर)
क‍िसान तक
  • Gadchiroli ,
  • Jun 10, 2024,
  • Updated Jun 10, 2024, 11:54 AM IST

देश में धान की खरीद हमेशा से ही सुर्खियों में रहती है क्योंकि हमेशा इसकी खरीद के दौरान गड़बड़ी खबरें आती रहती हैं. देश के कई राज्यों से धान खरीद के दौरान गड़बड़ी खबरें आती है. इसी तरह की खबर महाराष्ट्र के गढ़चिरौली से भी आ रही है. खबर के मुताबिक गढ़चिरौली के स्थानीय अपराध शाखा पुलिस ने गढ़चिरौली में आदिवासी महामंडल के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक गजानन कोटलावर सहित निगम के तत्कालीन कनिष्ठ सहायक और ग्रेडर को 6 करोड रुपये के गबन के मामले में गिरफ्तार किया है. धान खरीद घोटाला में शामिल जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है उनका नाम गजानन रमेश कोटलावर, वेंकट अंकलू बर्ले, राकेश मडावी हैं.

आरोपी गजानन रमेश कोटलावर क्षेत्रीय प्रबंधक थे, जबकि वेंकटी बुर्ले मार्कंडा-कांसोबा में खरीद केंद्र के केंद्र प्रमुख और कनिष्ठ सहायक थे और मडावी ग्रेडर थे. बता दें कि  न्यूनतम आधार मूल्य खरीद योजना के तहत किसानों द्वारा उगाए गए धान को आदिवासी विकास निगम के माध्यम से विभिन्न खरीद केंद्रों पर खरीदा जाता है. इसके बाद यह धान बैंक गारंटी पर थोक में जिले के कलेक्टर द्वारा निर्धारित किए गए राइस मिलर्स को वितरित किया जाता है. जो धान मिलर्स को दिया जाता है उसका वितरण आदेश उप-क्षेत्रीय कार्यालय में मिलर्स और खरीद केंद्रों के केंद्रीय प्रमुखों द्वारा हस्ताक्षरित वजन रसीदों के साथ जमा किए जाते हैं.

ये भी पढ़ेंः अरहर के लिए उर्वरक और कीटनाशक का सही इस्तेमाल जान लें, इन तरीकों से बंपर पैदावार पा सकेंगे आप

अधिकारियों ने की थी धांधली

इसके बाद राइस मिलर्स कटे हुए धान को ले जाते हैं फिर इससे चावल तैयार किया जाता है. इसके बाद तैयार किए हुए चावल को जिला आपूर्ति पदाधिकारियों के अधीन गोदाम में जमा किया जाता है. इसके बाद कुल चावल की स्वीकृत रसीद मिलर्स द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय में जमा की जाती है. पर इस प्रक्रिया में भी कुछ अधिकारी धांधली करते हैं. ऐसा ही एक घोटाला चामोर्शी तालुका के मारकंडा (कंसोबा) में एक धान खरीद केंद्र पर सामने आया है. इसके बाद जब इस मामले की जांच हुई तब जांच में पता चला कि धान और बारदाने का यह गबन 6 करोड़ 2 लाख 93 हजार 845 रुपये का था. इसके बाद ये बड़ी कार्रवाई हुई.

ये भी पढ़ेंः Sugarcane Farming: बढ़ते तापमान और कम बारिश ने गन्ना किसानों की चिंता बढ़ाई, कृषि वैज्ञानिक ने बताए उपाय

2022-23 का है मामला

धान खरीद का यह मामला साल 2022-23 का है. जब धान खरीद की प्रक्रिया शुरू हुई और इसके बाद इस दौरान इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता की खबरें आई थीं. इस तरह की शिकायत मिलने के बाद आदिवासी विकास विभाग द्वारा इसकी जांच शुरू की गई थी. जांच के दौरान प्रबंधक गजानन कोटलावार के दोषी पाने पाए जाने के बाद विभाग द्वारा उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया था. जांच में पाया गया कि मारकंडा (कंसोबा) केंद्र से 59 हजार 947.60 क्विंटल धान की खरीद की गई थी. इसमे से 31 हजार 532.58 क्विंटल धान को मिलिंग के लिए राइस मिलों में भेजा गया था. लेकिन संबंधित राइस मिलों को उतना धान मिला ही नहीं था. इसके बाद आगे की कार्रवाई हुई और जांच के बाद कार्रवाई की गई. (व्येंकटेश दुडमवार की रिपोर्ट)

 

MORE NEWS

Read more!