गुरनाम सिंह चढूनी की हरियाणा के किसानों से अपील, यूपी से आने वाले धान से लदे ट्रकों को रोकें

गुरनाम सिंह चढूनी की हरियाणा के किसानों से अपील, यूपी से आने वाले धान से लदे ट्रकों को रोकें

Haryana News: भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने चावल मिल मालिकों पर उत्तर प्रदेश से सस्ते दामों पर धान खरीदने और अपनी मिलों में स्टॉक करके रखने का आरोप लगाया है.

यूपी से आने वाले ट्रकों को रोकेंयूपी से आने वाले ट्रकों को रोकें
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 19, 2025,
  • Updated Oct 19, 2025, 4:21 PM IST

हरियाणा में धान की खरीद जारी है. इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने चावल मिल मालिकों पर उत्तर प्रदेश से सस्ते दामों पर धान खरीदने और अपनी मिलों में स्टॉक करके रखने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने  किसानों से हरियाणा में धान और चावल से लदे ट्रकों को रोकने का आह्वान किया है. बीकेयू (चढूनी) के प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि दूसरे राज्यों से धान और चावल सस्ते दामों पर खरीदे जाते हैं और फिर 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' (एमएफएमबी) पोर्टल पर फर्जी रजिस्ट्रेशन और स्टॉक के गेट पास बनाकर खरीद से निपटने का प्रयास किया जाता है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर सरकार पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है. उत्तर प्रदेश और बिहार से बड़ी संख्या में ट्रक रोजाना हरियाणा पहुंच रहे हैं. किसानों ने इन ट्रकों को पकड़ना शुरू कर दिया है और कार्रवाई के लिए प्रशासन को सौंप रहे हैं.

यूपी से हरियाणा आ रहे धान के ट्रक

यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हमें शिकायतें मिल रही हैं कि उत्तर प्रदेश से धान से लदे सैकड़ों ट्रक रोज़ाना हरियाणा में प्रवेश कर रहे हैं. इस आमद के कारण हरियाणा के धान उत्पादक किसानों को नुकसान हो रहा है. हमने सरकार से बार-बार अनुरोध किया है कि उत्तर प्रदेश से सस्ते  धान की आवक रोकी जाए, लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. प्रसंस्करण के बाद मिल मालिक सरकार को घटिया चावल उपलब्ध कराते हैं, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान होता है.

चावल मिलों का किया जाए भौतिक सत्यापन

उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि पहले हरियाणा के किसानों का पूरा स्टॉक एमएसपी पर खरीदा जाए, उसके बाद मिल मालिकों को अपने व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए अन्य राज्यों से धान खरीदने की अनुमति दी जाए. हम यह भी मांग करते हैं कि सभी चावल मिलों का जल्द से जल्द भौतिक सत्यापन किया जाए और सत्यापन के लिए गठित टीमों में किसान यूनियनों के सदस्यों को भी शामिल किया जाए. अगर स्टॉक में कोई अनियमितता या अंतर पाया जाता है, तो चावल मिल मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और सरकारी खरीद एजेंसियों के अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाए.

यूपी से आने वाले ट्रकों की हो जांच

यूनियन ने अपने सदस्यों से कहा है कि वे उत्तर प्रदेश से आने वाले ट्रकों की जांच करें. यदि ये वाहन हरियाणा में चावल मिलों में  धान ले जाते हुए पकड़े जाएं तो उनके टायर पंचर कर दें. चढूनी ने कहा कि किसान उत्तर प्रदेश से आने वाले ट्रकों को हरियाणा में रोकेंगे और धान के स्टॉक की जांच करेंगे. अगर धान  की आवक नहीं रुकी, तो यूनियन कड़ी कार्रवाई करने पर मजबूर होगी.

दूसरे राज्यों से आने वाले धान पर ना हो आपत्ति

इस बीच, हरियाणा राइस मिलर्स एंड डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ज्वेल सिंगला ने कहा कि सरकार की सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) योजना के तहत धान की प्रोसेसिंग के अलावा, मिलर्स घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए भी धान की प्रोसेसिंग करते हैं. चावल की एक बड़ी मात्रा स्थानीय बाजारों में बेची जाती है और हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों को भी भेजी जाती है, जिसके लिए उत्तर प्रदेश से बासमती और अन्य किस्में खरीदी जाती हैं.

उन्होंने आगे कहा कि किसानों को दूसरे राज्यों से आने वाले धान की खरीद पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. हमें सरकार द्वारा चावल मिलों के भौतिक सत्यापन पर भी कोई आपत्ति नहीं है. अगर कोई अनियमितता पाई जाती है, तो कार्रवाई भी होनी चाहिए.

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