गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड (GAVL) की सहायक कंपनी क्रीमलाइन डेयरी प्रोडक्ट्स लिमिटेड (CDPL) ने गुरुवार को गोदरेज माय फार्म मिल्क लॉन्च किया है. गोदरेज एग्रोवेट दावा करती है कि वह भारत के सबसे बड़े और विविधतापूर्ण कृषि व्यवसाय से जुड़ी है. इसके साथ ही कंपनी ने कहा है कि उसका मकसद फार्म से ताजे प्रीमियत दूध को सीधा उपभोक्ताओं के दरवाजे तकपहुंचाना है. कंपनी का कहना है कि गोदरेज माय फार्म मिल्क को गोदरेज ने अपने फार्म से ही सोर्स किया है. यहीं पर दूध को पाश्चुराइज्ड किया जाता है और अत्याधुनिक तकनीक की मदद से इसकी पैकेजिंग की जाती है. कंपनी का कहना है कि यह सारी प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि दूध ताजा हो और उसका नैचुरल टेस्ट और पोषक तत्व बरकरार रहें.
कंपनी का कहना है कि हैदराबाद में उपलब्ध होने के कारण, दूध निकालने से लेकर उपभोक्ता तक इसके पहुंचने की पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटेड है. इससे गोदरेज माय फार्म एक ऐसा दूध बन गया है जिसमें फीड से लेकर ब्रीड तक की सप्लाई चेन को पूरी तरह से नियंत्रित रखा गया है. कंपनर ने कहा कि आज भारत के कंज्यूमर अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत सचेत हैं और अपने परिवार के लिए सर्वश्रेष्ठ चुनने का प्रयास करते हैं. कंपनी ने 500 मिली लीटर पैकेट 50 रुपये की कीमत पर बेचने का फैसला किया है.
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माई फार्म मिल्क के लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए गोदरेज जर्सी के सीईओ भूपेंद्र सूरी ने कहा, 'गोदरेज में हम अपने दूध के उत्पादन और वितरण के तरीके के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. दूध की गुणवत्ता इस बात पर निर्भर करती है कि गायों को किस तरह से रखा जाता है और उनकी देखभाल कैसे होती है. हम 1400 गायों की देखभाल करते हैं. इसमें उनकी रूटीन डाइट के आधार पर उनके स्वास्थ्य की देखभाल भी शामिल है.' उन्होंने आगे कहा, 'यह हमारे अत्याधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट और पूरी तरह से कंट्रोल्ड सप्लाई चेन के साथ मिलकर हम पौष्टिक और ताजा दूध डिलीवर करने में सक्षम हैं. '
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उन्होंने कहा कि गाय से लेकर पैकेजिंग तक दूध की सुरक्षा को सुनिश्चित किया गया है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि उपभोक्ता अब गोदरेज माय फार्म दूध का आनंद ऐसे ले सकते हैं जैसे गाय उनके घर में हो और उसका ही दूध उनकी मेज पर पहुंच रहा है. लॉन्चिंग के साथ ही एक मिल्क रिपोर्ट भी जारी की गई जिसमें बताया गया कि 55 प्रतिशत उपभोक्ता अस्वास्थ्यकर दूध को बिना ब्रांड वाले दूध के विकल्प के साथ जोड़ते हैं. इसके अलावा 90 फीसदी उपभोक्ता उच्च गुणवत्ता वाले और सुरक्षित दूध के लिए अधिक या प्रीमियम पेमेंट करने को तैयार हैं. रिपोर्ट में उपभोक्ताओं के बीच शुद्ध और सुरक्षित डेयरी उत्पादों की बढ़ती मांग का जिक्र भी किया गया है.