मराठवाड़ा में मुआवजा न मिलने पर फूटा किसानों का गुस्‍सा, संभाजीनगर में कलेक्‍टर आवास के बाहर किया प्रदर्शन

मराठवाड़ा में मुआवजा न मिलने पर फूटा किसानों का गुस्‍सा, संभाजीनगर में कलेक्‍टर आवास के बाहर किया प्रदर्शन

मराठवाड़ा में किसानों ने सरकारी ओर से घोषित किए गए 32,000 करोड़ के बाढ़ राहत पैकेज के तहत अब तक मुआवजा न मिलने की बात कही है. इसे लेकर स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने छत्रपति संभाजीनगर के कलेक्टर आवास के बाहर ‘भाकरी-चटनी आंदोलन’ किया. वहीं, अन्‍य नेताओं ने भी सरकार पर 'वादाखिलाफी' का आरोप लगाया.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 22, 2025,
  • Updated Oct 22, 2025, 11:38 AM IST

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में बाढ़ से बर्बाद हुए किसानों का सब्र अब जवाब देने लगा है. सरकार की ओर से घोषित करीब 32,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज से मुआवजे की राशि अभी तक न मिलने से नाराज किसानों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. मंगलवार को स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (SSS) के कार्यकर्ताओं ने छत्रपति संभाजीनगर कलेक्टर के आवास के बाहर अनोखा प्रदर्शन किया. किसानों ने अपने गले में मक्का और अन्य फसलों की मालाएं डालकर नारेबाजी की और सरकार को उसके वादे याद दिलाए. बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

किसान नेता ने दी आंदोलन की चेतावनी

दि हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, किसान नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए घोषित राहत पैकेज को दिवाली से पहले किसानों के खातों में जमा कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक किसी को एक रुपये की भी मदद नहीं मिली है. संगठन के जिला नेता कृष्णा साबले ने बताया कि उन्होंने एक हफ्ते पहले प्रशासन को पत्र देकर चेतावनी दी थी कि अगर सहायता राशि नहीं मिली तो अर्धनग्न होकर भाकरी-चटनी आंदोलन करेंगे. अब एक हफ्ता बीत गया है, लेकिन किसानों के खाते खाली हैं.

मनोज जरांगे ने सरकार को दिया अल्‍टीमेटम

मराठा नेता मनोज जरांगे ने भी सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर जल्द राहत राशि जारी नहीं की गई, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे. जानकारी के मुताबिक, हालिया बाढ़ में महाराष्ट्र के एक करोड़ एकड़ से अधिक खेतों को नुकसान पहुंचा है. सबसे ज्यादा तबाही मराठवाड़ा क्षेत्र में हुई है, जहां लाखों किसान प्रभावित हैं. न केवल फसलें बर्बाद हुई हैं, बल्कि कई जगहों पर उपजाऊ मिट्टी भी बह गई है, जिससे रबी की बुवाई पर संकट मंडरा रहा है.

'दिवाली से पहले मदद देने का किया था वादा'

स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी ने कहा, “सरकार ने वादा किया था कि किसानों को दिवाली से पहले राहत राशि मिल जाएगी. अब सवाल यह है कि वह पैसा आखिर गया कहां?” इस बीच, बीड जिले के काइज तालुका में भी किसानों ने इसी मांग को लेकर बुधवार को आंदोलन की घोषणा की है. किसान नेता हनुमंत भोसले ने बताया कि पंचनामा तो कर लिया गया है, लेकिन हमें अब तक एक रुपये की भी मदद नहीं मिली. हम तहसीलदार कार्यालय के बाहर भाकरी-चटनी आंदोलन करेंगे.

प्रशासन की ओर से छत्रपति संभाजीनगर के कलेक्टर दिलीप स्वामी ने बताया कि वे पिछले हफ्ते अवकाश पर थे और प्रदर्शन की जानकारी नहीं है. उनका अतिरिक्त कार्यभार फिलहाल किसी अन्य अधिकारी के पास है.

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