देश में आजकल सबसे ज्यादा चर्चा मोटे अनाज की खेती की है. वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स ईयर मनाया जा रहा है. इसको लेकर देश के किसानों से लेकर लोगों के बीच मोटे अनाज की खूब डिमांड बढ़ रही है. मिलेट्स ईयर में आठ मोटे अनाजों को शामिल किया गया है, जिसमें रागी, बाजरा, सांवा, कोदो, कुटकी, कंगनी, ज्वार और चेना हैं. वैसे तो मोटे अनाजों की खेती भारत में प्राचीन काल से होती आई है. सांवा एक छोटी सी अनाज की फसल है. यह एक सूखा-सहिष्णु फसल है और कम उपजाऊ भूमि में भी उगाई जा सकती है. सांवा में उच्च प्रोटीन और फाइबर सामग्री होती है और यह कई महत्वपूर्ण खनिजों का भी एक अच्छा स्रोत है. कोदो भारत का एक प्राचीन अन्न है जिसे ऋषि अन्न भी माना जाता है. यह एक मोटा अनाज है जिसकी मांग अब लोगों में काफी तेजी से बढ़ती जा रही है.
ऐसा ही एक और मोटा अनाज कुटकी है, जिसे लिटिल मिलेट के नाम से भी जाना जाता है, यह एक पौष्टिक अनाज है, जिसकी खेती दुनिया के कई क्षेत्रों में की जाती है. किसान इन तीनों मोटे अनाजों की खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं. अगर आप भी मोटे अनाजों की खेती करना चाहते हैं और उसकी उन्नत वैरायटी के बीज मंगवाना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी की सहायता से इनके बीज ऑनलाइन अपने घर पर मंगवा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन सांवा की उन्नत किस्म DHBM-93-3, कुटकी की उन्नत किस्म CGK-1 और कोदो का RK-390-25 का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां किसानों को कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज भी आसानी से मिल जाएंगे. किसान इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
सांवा के बीज:- सांवा की DHBM -93-3 किस्म की फसल काफी तेजी से तैयार होती है. ये किस्म करीब 45-60 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इसे सूखे जैसे क्षेत्रों में भी आसानी से उगाया जा सकता है और बिना कीटनाशक के भी इसकी खेती की जा सकती है.
कुटकी के बीज:- कुटकी की उन्नत किस्म CGK-1 फसल के बीज का आकार अंडाकार और हल्का भूरा रंग का होता है. वहीं इस किस्म की उत्पादन 8 से 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है. ये फसल 80 से 82 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है.
कोदो के बीज:- कोदो की एक किस्म है RK 390-25, की खेती भारत के लगभग सारे राज्यों में की जाती है. ये किस्म 60-80 दिनों में तैयार हो जाती है. ये किस्म सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है.
अगर आप भी मोटे अनाजों की उन्नत किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इन तीनों खास किस्म के चार किलो के पैकेट के बीज फिलहाल 41 फीसदी की छूट के साथ 306 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएंगे. इसे खरीद कर आप आसानी से मोटे अनाजों की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
पिछले कुछ सालों से किचन गार्डन में माइक्रोग्रीन्स टर्म का यूज लोग काफी तेजी से कर रहे हैं. इसकी वजह ये है कि आपका किचन गार्डेन छोटा हो या बड़ा, आप इसे आसानी से अपने किचन गार्डेन में उगा सकते हैं और आसानी से उच्च क्वालिटी के पोषक तत्व अपने लिए उपलब्ध कर सकते हैं. माइक्रोग्रीन सीड किट में शलजम, मूली, नोल-खोल और फूलगोभी के आसानी से उगाए जाने वाले बीज शामिल हैं. इन किस्मों के बीजों को आप अपने किचन गार्डन में भी आसानी से उगा सकते हैं. वहीं ये पौधे बुआई के सात से 21 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं. अगर आप भी माइक्रोग्रीन का बीज अपने घर में लगाना चाहते हैं तो इसकी किट फिलहाल 34 फीसदी की छूट के साथ 207 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगी.
सब्जियों में लौकी की सब्जी को एक महत्वपूर्ण सब्जी के रूप में जाना जाता है. लौकी सामान्य तौर पर दो आकार की होती है, गोल और दूसरी लम्बी वाली, गोल वाली लौकी को पेठा और लम्बी वाली लौकी को घीया के नाम से भी जाना जाता है. लौकी की उन्नत किस्म पूसा नवीन खेती करने के लिए बहुत अच्छी किस्म है. इसकी खेती जायद और खरीफ दोनों सीजन में आसानी से की जा सकती है. इस किस्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी पहली तुड़ाई के लिए फसल मात्र 55 दिन में तैयार हो जाती है. अगर आप भी लौकी की पूसा नवीन किस्म की खेती करना चाहते हैं तो इस किस्म की बीज का 100 ग्राम का पैकेट फिलहाल 23 फीसदी की छूट के साथ 41 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम के वेबसाइट पर मिल जाएगा.