उत्तर प्रदेश के बिजनौर के एक गांव में करंट लगने से किसान की मौत पर ग्रामीणों और किसान संगठन ने हाईवे जाम कर दिया, जिससे गाड़ियों की लंबी कतार लग गई. घटना बिजनौर में नूरपुर क्षेत्र के गांव असदपुर धमरोली की है, जहां किसान वीरेंद्र चौहान कल दोपहर अपने खेत में चारा लेने के लिए गए थे, लेकिन खेत में लगे हाईटेंशन बिजली लाइन के खंभे को सपोर्ट देने के लिए लगी केबल में फैले करंट की चपेट में आकर उनकी मौत हो गई.
मृतक के परिवार के लोगों का आरोप है कि खंभे के सपोर्ट में लगे तार में कई दिनों से करंट दौड़ रहा था, जिसकी शिकायत वे कई बार विद्युत अधिकारियों से कर चुके थे, लेकिन उनकी शिकायत को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया. इस तरह बिजली विभाग की अनदेखी के चलते किसान की मौत हो गई.
परिवार ने बताया कि जब वीरेंद्र काफी समय तक घर नहीं पहुंचे तो वे उन्हें तलाशने के लिए खेत पर पहुंचे, जहां पर वह मृत अवस्था में पड़े थे और उनकी बॉडी भी करंट के कारण झुलस चुकी थी. करंट लगने से किसान की मौत का पता लगते ही किसान यूनियन के नेता और कार्यकर्ता गांव पहुंच गए. इसके बाद उन्होंने किसान के शव को बिजनौर-मुरादाबाद हाईवे पर लाकर बीचोंबीच रखकर जाम लगा दिया.
जाम लगने के बाद वाहनों की लंबी लाइन लग गई. किसानों के हाइवे जाम लगाने का पता चलते ही वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और किसानों को समझकर जाम खुलवाने का प्रयास करते रहे, लेकिन किसानों ने विद्युत अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होने पर ही जाम खोलने की शर्त रख दी.
इसके बाद मृतक किसान के बेटे अंकित की तहरीर पर विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता, सब डिविजन ऑफिसर और जेई के खिलाफ लापरवाही बरतने की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया और किसान शांत हुए. बाद में किसान के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. अब किसान मुकदमा दर्ज होने के बाद अधिकारियों की गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे हैं.
वहीं, मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेता अमरपाल चौधरी ने कहा कि किसान वीरेंद्र खेत में चारा लेने गए थे. वह गन्ने के पत्ते उतार रहे थे, लेकिन लाइन नीचे होने के कारण इसकी चपेट में आकर उनकी मौत हो गई. किसान की मौत सुबह 11 बजे करीब हुई थी, जिसके काफी देर बाद इसकी जानकारी सामने आई. इसके बाद हमने बिजली विभाग के अफसरों को बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन दोपहर तीन बजे तक भी यहां कोई नहीं आया है. अब एसडीएम और सीओसाहब ने बात की है, लेकिन वह विफल रही है. हमारी मांग है कि जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा जाए. (संजीव शर्मा की रिपोर्ट)