उत्तर प्रदेश के बांदा के एक बैंक में ग्रामीणों किसानों-मजदूरों ने जमकर हंगामा किया, उनका आरोप है कि किसानों और मजदूरों के खातों से आया मजदूरी का पैसा, लोन का पैसा, किसान सम्मान निधि और पेंशन का पैसा अचानक गायब हो गया, बैंक कर्मियों ने फर्जी तरीके से पैसा निकाल लिया है. ऐसे में करीब 300 से 400 पीड़ित लोगों का कहना है यहां से लगाकर जिले स्तर के अफसरों तक शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नही हो सकी है, अंत मे लोगों ने बैंक के बाहर धरना प्रदर्शन कर पैसा वापसी की मांग की है.
वहीं इस पूरे मामले में बैंक मैनेजर का कहना है कि इन लोगों कि ओर से लगाए गए आरोप पूरी तरीके से फर्जी हैं, इस मामले की जांच पुलिस की ओर से की जा रही है. जल शक्ति मंत्री ने अफसरों को दो टूक में कार्रवाई के लिए निर्देश दिए हैं. फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.
मामला जसपुरा थाना इलाके के गड़रिया गांव का है, यहां के रहने वाले सैकड़ों मजदूर-किसानों के खाते गांव के ही एक बैंक में खुले हैं, डिजिटल इंडिया के जमाने में उनके हक का पैसा यानी सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे उनके खाते में आता है, इन सभी का कहना है कि उनके खाते में जमा पैसा अचानक गायब हो गया, इसके अलावा आरोप ये है कि उनका पैसा फर्जी तरीके से दूसरे के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया है.
इसकी शिकायत उन्होंने बैंक मैनेजर से लेकर बांदा में अफसरों से की लेकिन कोई सुनवाई नही हो सकी. जिसके बाद उन्होंने बैंक के बाहर हंगामा, धरना दिया और बैंक से अपने पैसे की मांग की. इतना ही सुनवाई न होने पर जलशक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद से लिखित शिकायत की, जिस पर मंत्री ने तत्काल डीएम, एसपी और बैंक के बड़े अफसरों को तत्काल जांच करके कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
वहीं इस मामले में बैंक मैनेजर रामराज मीना ने बताया कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप झूठे और निराधार हैं, जिन-जिन का कहना है कि उनके खातों से पैसा निकला है उन सभी के स्टेटमेंट निकाल कर उन्हें दे दिया गया है, पुलिस मामले की जांच कर रही है.
जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने बताया कि गड़रिया गांव के निवासी और किसान आए थे, उन्होंने अपने गांव के बैंक में अपना खाता खुलवाकर अपनी मेहनत की धनराशि वहां पर जमा की थी, इन सभी के खातों से फर्जी तरीके से पैसों की निकासी और उनका ट्रांसजेक्शन दूसरे खातों में करके पैसे की निकासी की शिकायत की है, उन्होंने कहा कि वह तत्काल DM, SP और बैंक के बड़े अफसरों को स्पष्ट रूप से जांच करने के निर्देश दिए हैं, वहीं जांच के बाद अवगत कराकर कार्रवाई करें. 300 से 400 लोगों का विवरण बताया है, जो लोग आए थे वो बैंक के पासबुक और विवरण भी लेकर आए थे.