मुख्यमंत्री कृषि उद्योग योजना के तहत सुंदरगढ़ जिले में 49 परियोजनाओं को मिली मंजूरी, पढ़ें क्या हो रही परेशानी

मुख्यमंत्री कृषि उद्योग योजना के तहत सुंदरगढ़ जिले में 49 परियोजनाओं को मिली मंजूरी, पढ़ें क्या हो रही परेशानी

ओडिशा कृषि संवर्धन और निवेश निगम के डिस्ट्रिक्ट कॉरडिनेटर तापस पटेल ने बताया कि साल 2018-19 में उनके पास जिले से 83 आवेदन आए हैं. इनमें से 49 परियोजना आवदनों में से 20 से अधिक परियोजनाएं लागू की जा चुकी है.

मुख्यमंत्री कृषि उद्योग योजना ओडिशा                          सांकेतिक तस्वीरमुख्यमंत्री कृषि उद्योग योजना ओडिशा सांकेतिक तस्वीर
क‍िसान तक
  • Bhubaneshwar ,
  • Oct 15, 2023,
  • Updated Oct 15, 2023, 4:17 PM IST

ओडिशा में राज्य के किसानों को लाभ दिलाने के लिए मुख्यमंत्री कृषि उद्योग योजना चलायी है. पर इस योजना के कार्यानव्यन को लेकर अब सवाल खडे होने लगे हैं. कयोंकि बताया जा रहा है कि तकनीकी कारणों और भूमि संबंधी समस्याओं के कारण यह योजना आदिवासी बहुल जिला सुंदरगढ़ में अपनी पैठ बनाने में असलफल रही है. जिले में 3.13 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि होने के बाद भी अब तक जिले से इस योजना का लाभ लेने के लिए 83 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से सिर्फ 49 की मंजूर दी गई है. मुख्यमंत्री कृषि उद्योग योजना राज्य के किसानों खास कर कृषि उद्यमियों को लाभ पहुंचाने की एक लाभकारी योजना है. इसके तहत कृषि उद्यमी को लाभ पहुंचाने की प्रकिया को सरल बनाया जाता है. 

कृषि और किसान कल्याण  विभाग के तहत ओडिशा के कृषि संवर्धन और निवेश निगम के माध्यम से कृषि और इससे संबंद्ध क्षेत्रों में फंडिग के जरिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना मुख्यमंत्री कृषि उद्योग योजना का उद्देश्य है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ओडिशा कृषि संवर्धन और निवेश निगम के डिस्ट्रिक्ट कॉरडिनेटर तापस पटेल ने बताया कि साल 2018-19 में उनके पास जिले से 83 आवेदन आए हैं. इनमें से 49 परियोजना आवदनों में से 20 से अधिक परियोजनाएं लागू की जा चुकी है. और पूरी हो चुकी परियोजनाओं के लिए 3.5 करोड़ रुपये से 4 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी जारी की गई है, बाकी 29 स्वीकृत परियोजनाएं जो हैं वो प्रसंस्करण या कार्यान्वयन के चरण पर हैं. 

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भूमि संबंधी समस्या और तकनीकी बाधा के कारण हुई परेशानी

तापस पटेल ने कहा कि जिले में स्वीकृत योजनाओं की संख्या और भी अधिक हो सकती थी. क्योकि 200 से अधिक आवेदन आए थे पर कृषि से संबंधित व्यवसाय के लिए भूमि के साथ-साथ तकनीकी बाधाओं के कारण उन आवेदनों पर विचार नहीं किया गया. हालांकि अधिक से अधिक लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंचे और लाभ लेने के लिए लोग आगे आए इसके लिए प्रशासन की तरफ से व्यापक जागरूकता पैदा करने के लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं.   सुंदरगढ़ जिले में पूर्ण परियोजनाओं का औसत आकार 20 लाख रुपए हैं. जिले के लाठीकटा में बटन मशरुम की परियोजना सबसे बड़ी है और इसकी लागत 1.80 करोड़ रुपए है.

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गैर आदिवासी किसानों के साथ है जमीन की परेशानी 

सुंदरगढ़ के मुख्य जिला कृषि अधिकारी हरिहर नायक ने कहा कि जिले में कृषि भूमि के साथ तकनीकी बाधाएं परियोजना की सफलता के रास्ते में एक बड़ी बाधा हैं. नायक ने कहा कि आदिवासी बहुल आबादी होने के कारण सुंदरगढ़ एक अनुसूचित जिला है. यहां पर आदिवासियों की जमीन बिक्री यह बंधक लेने पर पूरी तर प्रतिबंध लगा हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में, गैर-आदिवासी किसानों या इच्छुक व्यक्तियों को इस योजना को अपनाने के लिए खोजने और प्रेरित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जा रहे हैं.


 

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