गाय के संरक्षण के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम, कब्जा मुक्त हुई 27 हजार हेक्टेयर से अधिक गोचर भूमि

गाय के संरक्षण के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम, कब्जा मुक्त हुई 27 हजार हेक्टेयर से अधिक गोचर भूमि

मुख्यमंत्री ने जिलों के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्रामवार गोचर भूमि की सूची तैयार की जाए. बारिश के उपरांत गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने का व्यापक अभियान चलाया जाए. वहीं, अतिक्रमण से मुक्त होने के बाद भूमि को पशुपालन विभाग द्वारा उपयोग में लिया जाए.

गो-संरक्षण के लिए योगी सरकार का बड़ा कदमगो-संरक्षण के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Sep 28, 2024,
  • Updated Sep 28, 2024, 2:31 PM IST

उत्तर प्रदेश में गो-संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए योगी सरकार ने हजारों हेक्टेयर गोचर भूमि को अवैध कब्जाधारियों से मुक्त करा लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद राजस्व विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाकर अवैध कब्जाधारियों से कुल 27 हजार हेक्टेयर से अधिक गोचर भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है, इस अभियान के अंतर्गत प्रदेश के 12 जिलों में 100 फीसदी गोचर भूमि अब कब्जा मुक्त हो चुकी है. वहीं, अन्य जिलों में भी तेजी से अभियान को आगे बढ़ाने के निर्देश मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए हैं. इस कब्जा मुक्त जमीन में सबसे अधिक अयोध्या में 2 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अवैध कब्जाधारियों ने अतिक्रमण कर रखा था, जिसे मुक्त कराया गया है.  

इन जिलों से मुक्त कराई गई भूमी

राजस्व विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार अयोध्या के अलावा आगरा, फिरोजाबाद, कासगंज, बाराबंकी, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट, श्रावस्ती, रामपुर, गाजीपुर और वाराणसी में 27 हजार 688 हेक्टेयर से अधिक भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है.

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अधिकारियों को दिए गए हैं निर्देश 

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जिलों के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्रामवार गोचर भूमि की सूची तैयार की जाए. बारिश के उपरांत गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने का व्यापक अभियान चलाया जाए. वहीं, अतिक्रमण से मुक्त होने के बाद भूमि को पशुपालन विभाग द्वारा उपयोग में लिया जाए.

गो-आश्रय में अतिरिक्त शेड का निर्माण

सीएम योगी ने यह भी निर्देश दिए हैं कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में निराश्रित गोवंश का वास्तविक आकलन करें और गो-आश्रय स्थलों में अतिरिक्त शेड का निर्माण करें. गोआश्रय स्थलों की साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था हो, कहीं पर भी कीचड़ और जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो. सभी आश्रय स्थलों में भूसा, हरा चारा, पानी आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. मृत गोवंश को ससम्मान और ठीक विधि से दफनाने की व्यवस्था हो.

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