HAU: लगातार घंटों बैठने के बाद भी नहीं थकने देगी ये खास कुर्सी, जानें इसकी खासियत

HAU: लगातार घंटों बैठने के बाद भी नहीं थकने देगी ये खास कुर्सी, जानें इसकी खासियत

हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (एचएयू) की दो शोध छात्राओं आयशा और मीनू जाखड़ ने कुर्सी के इस खास डिजाइन को तैयार किया है. वहीं भारतीय पेटेंट कार्यालय ने इस डिजाइन को पेटेंट करते हुए रजिस्ट्रेशन नंबर 386667-001 भी जारी किया है.

एचएयू के वीसी ने डिजाइन पेटेंट होने पर छात्राओं को बधाई दी.
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Apr 29, 2024,
  • Updated Apr 29, 2024, 7:23 PM IST

अक्सर कुर्सी पर बैठकर काम करने वालों को कई तरह की शिकायत होती है. उनका कहना होता है कि लगातार कई-कई घंटे कुर्सी पर बैठकर काम करने से दर्द होने लगता है. किसी को ये दर्द कमर में होता है तो किसी को रीढ़ की हड्डी में या फिर कहीं और. कौन कुर्सी पर बैठकर किस तरह का काम करता है, उसके बैठने का तरीका क्या होता है दर्द भी उसी तरह से परेशान करने लगता है. कई बार तो ये छोटी-छोटी परेशानियां बड़ी हो जाती हैं. 

लेकिन खुशखबरी ये है कि हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (एचएयू) द्वारा डिजाइन की गई खास तरह की कुर्सी इस परेशानी को दूर कर देगी. इस खास डिजाइन वाली कुर्सी को इस्तेमाल करने पर मेज की जरूरत भी महसूस नहीं होगी. हाल ही में यूनिवर्सिटी ने इस कुर्सी के डिजाइन को पेटेंट कराया है. इस कुर्सी को डिजाइन करने वालीं यूनिवर्सिटी की दो छात्राएं हैं. 

ये भी पढ़ें: FMD Alert: मई में देश के 55 शहरों में हो सकता है खुरपका-मुंहपका बीमारी का अटैक, ऐसे करें बचाव

इस तरह फायदेमंद होगी खास डिजाइन वाली ये कुर्सी 

एचएयू की मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डा. मंजु महता और कुर्सी को डिजाइन करने वालीं छात्राओं आयशा और मीनू जाखड़ ने बताया कि इस कुर्सी में दो पैनल बनाए गए हैं, जो बाएं और दाएं दोनों तरफ हैं. दाएं पैनल का इस्तेमाल ड्राइंग या पेंटिंग करते समय उपकरणों को रखने के लिए किया जा सकता है और बाएं पैनल का उपयोग ड्राइंग शीट को रखने के लिए किया जा सकता है. दोनों पैनल फोल्डेबल हैं जो स्पेस मैनेजमेंट की कैटेगिरी में आते हैं और ज्यादा जगह भी नहीं घेरते हैं. पीठ को सहारा देने वाली सपोटर और कुशनिंग सीट व्यक्ति को पीठ दर्द और रीढ़ की हड्डी की चोट से बचाती है. लंबे समय तक बैठने पर आराम में सुधार के लिए एर्गोनोमिक फुट रेस्ट भी कुर्सी के इस डिजाइन में दिया गया है. ये डिजाइन कुर्सी पर बैठने के दौरान गलत पोशचर होने पर कई तरह के मस्कुलो और स्केलेटल की परेशानी से बचाता है.

छात्राओं की इस कामयाबी ये बोले वाइस चांसलर 

एचएयू के वाइस चांसलर प्रो. बीआर काम्बोज का कहना है कि यूनिवर्सिटी को लगातार मिल रही कामयाबी यहां के साइंटिस्ट और रिसर्च स्कॉलर की कड़ी मेहनत का नतीजा है. आयशा और मीनू जाखड़ द्वारा विकसित किए गए डिजाइन के रजिस्ट्रेशन का प्रमाण-पत्र मिलने पर उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक और छात्राओं को बधाई दी.

ये भी पढ़ें: Goat Farming: गर्मियों में बकरी को होने वाले डायरिया और डिहाइड्रेशन की ऐसे करें पहचान

उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प डिजाइन विकसित करने से इस क्षेत्र में छात्रों को और आगे बढऩे के अवसर हासिल होंगे. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बीते कुछ साल में एचएयू 119 तकनीकों के भारतीय पेटेंट की डिजाइन और ट्रेडमार्क तथा कॉपीराइट आफिस में आवेदन किए थे. जिसमे से अभी तक 54 तकनीकों के लिए प्रमाण पत्र मिल चुके हैं. इस दौरान यूनिवर्सिट को छह पेटेंट और 11 कॉपीराइट के प्रमाण पत्र मिले हैं. 
 

 

MORE NEWS

Read more!