देश के 150 जलाशयों में पानी की किल्लत, 40 प्रतिशत तक कम हुआ जलस्तर

देश के 150 जलाशयों में पानी की किल्लत, 40 प्रतिशत तक कम हुआ जलस्तर

आईएमडी ने कहा कि कम बारिश की वजह से देश के जलाशयों में पानी की कमी हो रही है. दक्षिणी प्रायद्वीप, जो उत्तर-पूर्वी मॉनसून पर निर्भर करता है. इसमें 32 प्रतिशत कम बारिश हुई. वहीं मध्य भारत में सामान्य से 62 प्रतिशत कम बारिश हुई.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Nov 25, 2023,
  • Updated Nov 25, 2023, 2:24 PM IST

देश में सिर्फ भू-जल स्तर ही तेजी के साथ नीचे नहीं जा रहा है, बल्कि जलाशयों में भी पानी की किल्लत हो रही है. इससे आने वाले वर्षों में किसानों को सिंचाई को लेकर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार, देश में 150 बड़े जलाशयों में पानी की कमी हो गई है. वहीं खास बात यह है कि उनमें से 26 जलाशयों में 40 प्रतिशत से भी पानी निचे चला गया है. इसकी मुख्य वजह उत्तर-पूर्वी मॉनसून में कम हुई बारिश है.  जलस्तर घटकर 120.272 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) हो गया है. यह पिछले साल और पिछले 10 साल के औसत से कम है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों से पता चलता है कि 01 अक्टूबर के बाद से देश के 60 फीसदी हिस्से में भारी कमी बारिश (32 फीसदी) कम बारिश (22 फीसदी) या बिल्कुल भी बारिश नहीं (6 फीसदी) हुई है. 

27 फीसदी हुई है कम बारिश 

आईएमडी ने कहा कि इस अवधि के दौरान देश में 27 प्रतिशत कम बारिश हुई, दक्षिणी प्रायद्वीप, जो उत्तर-पूर्वी मॉनसून पर निर्भर करता है. इसमें 32 प्रतिशत कम बारिश हुई. वहीं मध्य भारत में सामान्य से 62 प्रतिशत कम बारिश हुई. साप्ताहिक बुलेटिन में उन राज्यों की संख्या के साथ एक सकारात्मक विकास हुआ जहां भंडारण पिछले सप्ताह के 13 फीसदी से घटकर इस सप्ताह 11 फासदी हो गया है. वहीं पंजाब और त्रिपुरा दो ऐसे राज्य हैं जहां स्थिति में सुधार हुआ है.

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हालांकि पिछले कुछ हफ्तों में हुई बारिश से मिट्टी की नमी में सुधार हुआ है, लेकिन अगर भंडारण का स्तर और गिरता है, तो रबी की बुआई मुश्किल में पड़ सकती है, खासकर दक्षिण वाले राज्यों में, उदाहरण के लिए, कर्नाटक कृषि की तुलना में पीने के पानी को प्राथमिकता देता है.

04 राज्यों में गंभीर स्थिति का सामना 

राज्यों में आंध्र प्रदेश (सामान्य भंडारण से 52 प्रतिशत कम), तमिलनाडु (40 प्रतिशत), कर्नाटक (38 प्रतिशत) और उत्तर प्रदेश (33 प्रतिशत) में स्थिति गंभीर है. चालू बुवाई सीजन के दौरान कुल रकबा कम हुआ है. दलहन, तिलहन, गेहूं और चावल का रकबा पिछले साल के स्तर से पीछे चल रहा है. साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार, उत्तरी क्षेत्र में स्तर गिरकर 14.119 बीसीएम या 19.663 बीसीएम की भंडारण क्षमता का 72 प्रतिशत हो गया. पिछले हफ्ते यह क्षमता का 74 फीसदी था. हालांकि निम्न दबाव एक चक्रवात में बदल गया, लेकिन इसका पूर्वी तट पर बहुत कम प्रभाव पड़ा अब उम्मीदें सोमवार को बंगाल की खाड़ी में विकसित होने वाले एक नए निम्न दबाव पर टिकी हुई हैं.

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