यूपी के सहारनपुर जिले के रहने वाले एक परिवार के सामने अपने छोटे से बच्चे को बचाने के लिए गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है. इस परिवार की कोई खास कमाई भी नहीं है. यह परिवार पूरी तरह से खेती-किसानी पर निर्भर है. बच्चे को बचाने के लिए डॉक्टरों ने इस किसान परिवार को साफ बता दिया है कि अगर इसे बचाना है तो साढ़े 17 करोड़ का इंजेक्शन लगवाना होगा. यह इंजेक्शन भी विदेश से आएगा जिसका भारी-भरकम खर्च है. इस खर्च को सुनने के बाद पूरा किसान परिवार सदमे में है कि कहां से इतने पैसे का इंतजाम होगा.
खेती कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले इस परिवार के सामने एक बड़ी संकट की घड़ी आ कई है. इस संकट की घड़ी में किसान परिवार सहारनपुर से खानपुर विधायक उमेश कुमार के पास मदद के लिए पहुंचा. विधायक ने भी उनको निराश नहीं किया और उनकी मदद के लिए हर संभव भरोसा दिलाया. फेसबुक से लेकर अनेक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा इस बच्चे की मदद की जाए.
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इस छोटे बच्चे के परिजनों का कहना है वे खजूर वाला गांव के रहने वाले हैं जो सहारनपुर जिले में पड़ता है. परिजनों का कहना है कि उनका बच्चा गंभीर बीमारी से ग्रस्त है और इसको इलाज की सख्त जरूरत है. लेकिन इसके इलाज में आने वाला खर्च बहुत ज्यादा है. इसलिए वे लोग मदद के लिए खानपुर के विधायक के पास आए थे. विधायक ने आश्वासन दिया है कि पीड़ित परिवार की मदद की जाएगी. बच्चे के घरवालों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द इंजेक्शन नहीं लगा तो वह जी नहीं पाएगा. यह इंजेक्शन विदेश से आना है और इसकी कीमत 17 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इस बच्चे के पास कुछ महीनों का ही समय है क्योंकि उसके दो साल का होने से पहले ही इंजेक्शन उसे ठीक कर सकता है.
खानपुर के विधायक उमेश कुमार ने कहा कि गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चा 10 महीने का है. 14 महीने की उसकी जान और बची है. अगर 14 महीने में उसको यह इंजेक्शन नहीं दिया गया तो उसकी जान चली जाएगी. विधायक ने लोगों से अपील की है कि आगे आएं और पीड़ित परिवार की मदद करें. विधायक ने यह भी कहा कि वे सरकार से इलाज के लिए अपील करेंगे. प्रधानमंत्री से भी अपील की जाएगी कि वे बच्चे के परिवार को आर्थिक मदद दें. बच्चे को बचाने के लिए लोगों से लगातार अपील की जा रही है कि अधिक से अधिक संख्या में आगे आएं और परिवार की मदद करें.
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किसी भी आम परिवार के लिए 17 करोड़ रुपये का इंजेक्शन खरीदना छोटी बात नहीं है. इतनी कमाई अच्छे-अच्छे लोगों की भी नहीं होती है. ऐसे में पीड़ित किसान परिवार के सामने सबसे बड़ी समस्या इंजेक्शन का पैसा जुटाना है. परिवार का सारा खर्च खेती से ही चलता है. खेती की कमाई इतनी नहीं होती कि गंभीर बीमारी के इलाज के लिए पैसे जुटाए जा सकें. उसमें भी जब खर्च करोड़ों रुपये में है, तो किसी को सोचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. अभी यही स्थिति इस किसान परिवार की देखी जा रही है.