देश के कई राज्यों में इस बार मॉनसून पूरी तरह से मेहरबान नहीं हुआ. मॉनसून की बेरुखी के कारण कई राज्यों में इस बार सबसे कम बारिश हुई है. जिस सावन महीने में लोग बारिश की झड़ी लगने की उम्मीद लगा रहे थे. उस महीने में गर्मी ने लोगों के पसीने छुड़ाए रखे. बारिश नहीं होने के कारण खेतों में लगी फसलें सूखने लगी हैं. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. मॉनसून की बेरुखी से कई राज्यों में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ऐसी ही हालात राजस्थान के फतेहपुर शेखावाटी में करीब डेढ़ महीने देखी जा रही है. यहां कई दिनों से एक बूंद तक बारिश नहीं हुई है. ऐसे में यहां के किसानों के लिए सावन बेदर्द निकला. अब किसान परेशान होकर सरकार से गुहार लगा रहे हैं.
शेखावाटी के किसानों का कहना है कि सरकार उनकी फरियाद सुने और मांगें माने. इसके लिए किसानों ने अपनी छह सूत्री मांगों को लेकर महिलाओं के साथ धरना देना शुरू कर दिया है. अपनी मांगों को लेकर किसान धरने पर बैठे हैं जहां उनका साथ महिलाएं भी दे रही हैं.
दरअसल राजस्थान के शेखावाटी में संयुक्त किसान मोर्चा, अखिल भारतीय किसान सभा और वामपंथी जनवादी संगठन आंदोलन कर रहे हैं. इसी कड़ी में शहर के राजकीय धानुका अस्पताल से जुलूस के रूप में विरोध प्रदर्शन निकाला गया. इसमें सैकड़ों किसान शहर के उपखंड कार्यालय पहुंचे. वहां पहुंचकर किसानों ने कार्यालय का घेराव कर उपखंड अधिकारी के मार्फत प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी कई मांगों का ज्ञापन सौंपा.
ये भी पढ़ें:- G20 Summit Delhi: लिट्टी-चोखा से लेकर दाल-बाटी-चूरमा तक, विदेशी मेहमान चखेंगे इन व्यंजनों के स्वाद
प्रदर्शन के दौरान कई किसान नेता शामिल हुए और अपनी बात रखी. नेताओं ने किसानों को बताया कि आने वाले दिनों में सरकार अगर उनकी मांगें नहीं मानती है तो आंदोलन यूं ही चलता रहेगा. इन किसानों की मांग राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से है जिनके लिए एक ज्ञापन भी सौंपा गया है. उस ज्ञापन में किसानों ने अपनी मांग रखी है.
किसानों ने सरकार से जो छह सूत्री मांगें रखी हैं उनमें गिरदावरी जल्द से जल्द शुरू करने, क्रॉप कटिंग शुरू कर उसके आधार पर बीमा क्लेम जारी करने, उपखंड फतेहपुर, रामगढ़ को अकालग्रस्त घोषित करने, कृषि आदान, अनुदान से वंचित रह रहे योग्य किसानों के खातों में राशि जारी करने, बीजली में हो रही अनियमित आपूर्ति में सुधार करने और छह घंटे थ्री फेस नियमित बिजली जारी करने की मांग शामिल है.
(राकेश गुर्जर की रिपोर्ट)