दिल्ली और आस-पास के इलाकों में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सरकार की ओर से करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. हालांकि दिल्ली और यहां से सटे राज्यों में इसका असर भी साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. हरियाणा, पंजाब, एनसीआर-यूपी, एनसीआर-राजस्थान और दिल्ली में पराली जलाने की घटनाएं पिछले 45 दिनों की अवधि (15 सितंबर, 2023 से 29 अक्टूबर, 2023) में घटकर 6,391 हो गईं हैं. जो 2022 में इसी अवधि में 13,964 थीं. जानकारी के मुताबिक सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए कुल 3,333 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. जिस वजह से आज यहां की जनता खुल कर सांस ले पा रही है.
चालू धान कटाई सीजन में 45 दिनों की अवधि यानी 15 सितंबर, 2023 से 29 अक्टूबर, 2023 के दौरान, हरियाणा, पंजाब, एनसीआर-यूपी, एनसीआर-राजस्थान और दिल्ली में पराली जलाने की कुल घटनाएं 13,964 से कम हो गई हैं. 2022 की अवधि में 2023 में 6,391 और 2021 की इसी अवधि में 11,461 से 2023 में 6,391 हो गई, यानी क्रमशः 54.2% और 44.3% की कमी आई है.
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लगातार निगरानी और कई उपायों के बाद पिछले दो वर्षों में पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी आई है. आंकड़ों के मुताबिक पंजाब में इन 45 दिनों की अवधि के दौरान पराली जलाने की कुल घटनाएं 5,254 हैं, जबकि 2022 में 12,112 और 2021 में 9,001 थीं.
चालू वर्ष की 45 दिनों की अवधि के दौरान पंजाब में खेतों में आग लगने की घटनाएं 2022 और 2021 की इसी अवधि की तुलना में क्रमशः 56.6% और 41.6% कम हैं. पंजाब में, इन 45 दिनों की अवधि के दौरान, इस वर्ष 29 अक्टूबर को एक दिन में सबसे अधिक यानी 1,068 आग लगने की घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2022 में 28 अक्टूबर को 2,067 और 2021 में 29 अक्टूबर को 1,353 आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं. पंजाब के पांच जिले जहां चालू वर्ष में अब तक सबसे अधिक पराली जलाने का पता चला है, उनकी संख्या इस प्रकार है: -
वहीं हरियाणा में इन 45 दिनों की अवधि के दौरान पराली जलाने की कुल घटनाएं 1,094 हैं, जबकि 2022 में 1,813 और 2021 में 2,413 थीं. चालू वर्ष के दौरान हरियाणा में खेत में आग लगने की घटनाएँ 2022 और 2021 की इसी अवधि की तुलना में क्रमशः 39.7% और 54.7% कम हैं.
हरियाणा में इन 45 दिनों की अवधि के दौरान, इस वर्ष के दौरान एक दिन में सबसे अधिक यानी 127 आग लगने की घटनाएं 15 अक्टूबर को दर्ज की गईं. जबकि 2022 में 24 अक्टूबर को 250 और 2021 में 15 अक्टूबर को 363 घटनाएं दर्ज की गईं.
हरियाणा के पांच जिले जहां चालू वर्ष में अब तक सबसे अधिक पराली जलाने का पता चला है, घटनाओं की संख्या इस प्रकार है:-
वहीं पराली प्रबंधन को लेकर केंद्र सरकार ने अब तक करीब 2 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी है. फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत पंजाब सरकार, एनसीआर राज्यों और दिल्ली के किसानों / कस्टम हायरिंग केंद्रों और सहकारी समितियों द्वारा धान के भूसे के इन-सीटू प्रबंधन की सुविधा के लिए मशीनों की रियायती खरीद के लिए 3,333 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
पंजाब में उपलब्ध फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनों की कुल संख्या 1,17,672, हरियाणा में - 80,071 और यूपी-एनसीआर में - 7,986 है. इसके अतिरिक्त, चालू कटाई के मौसम के दौरान उपलब्धता बढ़ाने के लिए पंजाब में अतिरिक्त 23,000 सीआरएम मशीनें, हरियाणा में 7,572 और एनसीआर के लिए उत्तर प्रदेश में 595 अतिरिक्त सीआरएम मशीनें खरीदने की कार्रवाई चल रही है.
पिछले वर्षों की तुलना में अब तक धान की पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है. हालाँकि, पिछले कुछ दिनों के दौरान पंजाब में पराली जलाने के मामलों में अचानक वृद्धि हुई है और अगले कुछ हफ्तों में कटाई चरम पर होने की उम्मीद है. 29 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने की 1,068 घटनाएं सामने आई है.