Dairy Milk: बड़े-बड़े डेयरी प्लांट में सर्दियों से शुरू हो जाता है फ्लश स्टॉक, जानें डिटेल

Dairy Milk: बड़े-बड़े डेयरी प्लांट में सर्दियों से शुरू हो जाता है फ्लश स्टॉक, जानें डिटेल

गर्मी या फिर इमरजैंसी में दूध की कमी से निपटने के लिए डेयरी कंपनियां फ्लश स्टॉक पर काम करती हैं. अगर किसी वजह से गांवों से दूध डेयरी प्लांट तक नहीं पहुंच पाता है तो डेयरियां दूध की सप्लाई फ्लश स्टॉक से करती हैं. गर्मियों में भी दूध की कमी ऐसे ही पूरी की जाती है.

दूध का प्रतीकात्मक फोटो.दूध का प्रतीकात्मक फोटो.
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Nov 08, 2023,
  • Updated Nov 08, 2023, 3:02 PM IST

गर्मियों में होने वाली दूध की कमी को सर्दी के मौसम में होने वाली दूध की अधिकता से पूरा किया जाता है. लेकिन आप सोच रहे होंगे ये कैसे संभव है. सर्दी में मिलने वाला दूध गर्मियों तक कैसे चल जाता है. आपके इसी सवाल का जवाब है फ्लश स्टॉक. सर्दियों में होने वाला फ्लश स्टॉक ही गर्मियों में दूध की डिमांड को पूरा करता है. फ्लश स्टॉक को ही इमरजैंसी सिस्टयम भी कहा जाता है. डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो छोटी-बड़ी ज्यादातर डेयरी कंपनी फ्लश स्टॉक पर काम जरूर करती हैं. 

गौरतलब रहे कि आजकल दूध के दाम बढ़ने के पीछे एक बड़ी वजह फ्लश स्टॉक को ही बताया जा रहा है. क्योंकि बाजार में दूध की डिमांड तो बढ़ी है, लेकिन उत्पादन उस लेवल पर नहीं बढ़ा है. जिसके चलते दूध की किल्ल त हो रही है और दाम बढ़ रहे हैं. 

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18 महीने तक का तैयार हो जाता है फ्लश स्टॉक  

वीटा डेयरी, हरियाणा के जीएम चरन सिंह ने किसान तक को बताया कि फ्लश स्टॉक हर डेयरी में काम करता है. इस सिस्टम के तहत डेयरी में डिमांड से ज्यादा आने वाले दूध को जमा किया जाता है. जमा किए गए दूध का मक्खन और मिल्क पाउडर बनाया जाता है. डेयरियों में स्टोरेज क्वालिटी और कैपेसिटी अच्छी होने के चलते मक्खन और मिल्क पाउडर 18 महीने तक चल जाता है. अब तो इतने अच्छे-अच्छे चिलर प्लांट आ रहे हैं कि मक्खन पर एक मक्खी बराबर भी दाग नहीं आता है.

गर्मियों में ऐसे काम आता है फ्लश स्टॉक 

चरन सिंह बताते हैं कि जब बाजार में दूध की डिमांड ज्यादा हो जाती है या किसान-पशु पालकों की ओर से दूध कम आने लगता है तो ऐसे वक्त में फ्लश स्टॉक से शहरों को दूध की सप्लाई की जाती है. जैसे गर्मियों में अक्सर होता है कि पशु दूध कम देते हैं, लेकिन डिमांड बराबर बनी रहती है. इस डिमांड को भी फ्लश स्टॉक से ही पूरा किया जाता है. 

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जरूरत पड़ने पर पाउडर और मक्खन मिलाकर बनाया जाता है दूध 

चरन सिंह का कहना है जब भी ज्या‍दा दूध की जरूरत पड़ती है तो फ्लश स्टॉक में से मक्खन और मिल्क पाउडर लेकर उन्हें मिला दिया जाता है. यह मिक्चर पहले की तरह से ही दूध बन जाता है. जब बड़े-बड़े आंदोलन के दौरान या फिर शहरों में कर्फ्यू लगा होने के चलते दूध की सप्लाई नहीं हो पाती है तो ऐसे में दूध को जमा कर फ्लश स्टॉंक में मक्खन और मिल्क पाउडर बना लिया जाता है. और कई बार ऐसा भी होता है कि ऐसे हालात में हमारे पास तक दूध ही नहीं पहुंचता है तो हम फ्लश स्टॉक से शहरों को दूध की सप्लाई करते हैं.    

 

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