अक्टूबर में भारत के कई जिलों में बारिश की कमी, बांधों में घट गया पानी का स्टॉक

अक्टूबर में भारत के कई जिलों में बारिश की कमी, बांधों में घट गया पानी का स्टॉक

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने गुरुवार को अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा कि जलाशयों में भंडारण पिछले सप्ताह के 132.721 बीसीएम के मुकाबले 132.037 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) था. सीडब्ल्यूसी ने कहा कि यह स्तर एक साल पहले की तुलना में 8 प्रतिशत अंक कम है और पिछले 10 वर्षों के औसत से 20 प्रतिशत अंक कम है.

कम हो रहा जलाशयों का स्तर, बढ़ रही चिंताकम हो रहा जलाशयों का स्तर, बढ़ रही चिंता
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Oct 13, 2023,
  • Updated Oct 13, 2023, 5:02 PM IST

भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में इस साल बारिश के पैटर्न में भारी बदलाव आया है. इसका तार कहीं न कहीं जलवायु परिवर्तन से जुड़ा हुआ नजर आ रहा है. अगर सिर्फ भारत की बात करें तो इस साल जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश होने और न होने में काफी बदलाव देखने को मिला है. इस साल भारत के कई राज्यों में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है तो वहीं कई राज्य ऐसे भी हैं जहां लोग सूखे की मार झेल रहे हैं. भारत के 150 प्रमुख जलाशयों के  भंडारण स्तर में थोड़ी गिरावट आई है. जो पिछले 10 वर्षों के औसत से कम आंका जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक देश के 712 जिलों में से 63 प्रतिशत में कम या कोई वर्षा नहीं हुई.

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने गुरुवार को अपने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा कि जलाशयों में भंडारण पिछले सप्ताह के 132.721 बीसीएम के मुकाबले 132.037 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) था. सीडब्ल्यूसी ने कहा कि यह स्तर एक साल पहले की तुलना में 8 प्रतिशत अंक कम है और पिछले 10 वर्षों के औसत से 20 प्रतिशत अंक कम है.

दक्षिण भारत में गिर रहा जल स्तर, बढ़ी चिंता

दक्षिण भारत में गिरता जल स्तर चिंता का कारण बना हुआ है. भंडारण पिछले सप्ताह 50 प्रतिशत से घटकर 49 प्रतिशत रह गया है. एक सप्ताह पहले के 26.435 बीसीएम के मुकाबले गुरुवार को यह 26.021 बीसीएम था. हालाँकि, केरल में स्थिति में सुधार हुआ. लेकिन जलस्तर सामान्य से 24 फीसदी कम है, जबकि एक सप्ताह पहले यह सामान्य से 26 फीसदी कम था. सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों से पता चलता है कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए सामान्य जलाशयों में जल स्तर सामान्य 60 प्रतिशत से बढ़कर 61 प्रतिशत हो गया है.

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दक्षिण भारत में गिरा जल स्तर

देश के उत्तरी हिस्सों में जल भंडारण घटकर 82.3 प्रतिशत रह गया है, जो एक सप्ताह पहले 84 प्रतिशत था. हालाँकि, यह पिछले 10 साल के औसत से 0.3 प्रतिशत अधिक है. पूर्वी भागों में, जल स्तर 2 प्रतिशत अंक बढ़कर सामान्य से 80 प्रतिशत अधिक हो गया है, पश्चिम बंगाल में भंडारण एक सप्ताह पहले के 9 प्रतिशत से सुधरकर सामान्य से 20 प्रतिशत अधिक हो गया है.

मध्य क्षेत्र में जल स्तर भी क्षमता के 84 प्रतिशत पर स्थिर था, जबकि मध्य प्रदेश में भंडारण सामान्य से 6 प्रतिशत ऊपर बना हुआ था. उत्तर प्रदेश में यह स्तर सामान्य से 29 प्रतिशत कम है जबकि एक सप्ताह पहले यह 33 प्रतिशत था.

सीडब्ल्यूसी ने जारी किया जल भंडारण डेटा 

सीडब्ल्यूसी के अनुसार, इस सप्ताह 114 जलाशयों में जल स्तर सामान्य भंडारण के 80 प्रतिशत से अधिक (पिछले सप्ताह 108) दर्ज किया गया है. 36 अन्य में स्तर 80 प्रतिशत या उससे कम (42) था, उनमें से 11 में भंडारण केवल 50 प्रतिशत तक था. (12). अलियार (सामान्य का 18%), मेट्टूर (15%), नागार्जुन सागर (23%), तातिहल्ला (26%), कंडालेरू (37%), कृष्ण-राज सागर (44%) और सोमशिला (47%) जलाशय हैं दक्षिण में जहां स्थिति थोड़ी कठिन है.

उत्तर-पूर्वी मॉनसून की शुरुआत में देरी

उत्तर-पूर्वी मॉनसून की शुरुआत में 10 दिनों की देरी चिंता का कारण बन सकती है, लेकिन भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि जल्द ही मॉनसून में सामान्य से अधिक बारिश होगी. आमतौर पर मॉनसून 18 अक्टूबर तक शुरू हो जाता है. आपको बता दें अभी दक्षिण पश्चिम मॉनसून वापस हुआ है. जिसके जाते ही उत्तर पश्चिम मॉनसून आता है जिससे देश के कई इलाकों में बारिश होती है.

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