Dairy: पहले सौर ऊर्जा और अब गोबर गैस से चलेगा डेयरी प्लांट, NDDB-ONGC कर रहे हैं मदद 

Dairy: पहले सौर ऊर्जा और अब गोबर गैस से चलेगा डेयरी प्लांट, NDDB-ONGC कर रहे हैं मदद 

डेयरी प्रोडक्ट की लागत कम कैसे हो इस पर काम शुरू हो गया है. क्योंकि डेयरी एक्सपर्ट का मानना है कि जब तक डेयरी प्रोडक्ट को किफायती नहीं बनाएंगे तो घरेलू और एक्सपोर्ट बाजार में प्रोडक्ट की डिमांड नहीं बढ़ेगी. इसीलिए बिजली की खपत कम और खत्म करने के लिए डेयरी प्लांट में सौर ऊर्जा और बायोगैस का इस्तेमाल बढ़ाया जा रहा है. 

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Mar 13, 2024,
  • Updated Mar 13, 2024, 11:36 AM IST

बिहार का बरौनी डेयरी प्लांट एक इतिहास लिखने जा रहा है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि बरौनी प्लांट देश का ऐसा पहला डेयरी प्लांट होगा जो गोबर आधारित बायोगैस से चलेगा. खासतौर पर बायोगैस से तैयार स्टीम प्लांट के एक खास हिस्से को सप्लाई की जाएगी. हाल ही में बायोगैस प्लांट की आधारशिला रखी गई है. इस प्लांट में हर रोज 100 मीट्रिक टन बायोगैस तैयार होगी. ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार गिरिराज सिंह, नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) के प्रेसिडेंट डॉ. मीनेश शाह और ओएनजीसी के अधिकारियों ने इसकी आधारशिला रखी है. 

इस प्लांट के लिए ओएनजीसी फंड देगी तो एनडीडीबी टेक्निकल सपोर्ट देगा और प्लांट को तैयार. एक्सपर्ट की मानें तो डेयरी प्लांट की थर्मल पावर जरूरत को पूरा करने के बाद बायोगैस में गोबर का जो घोल बचेगा उसका इस्तेमाल जैविक उर्वरक के रूप में खेतों में किया जाएगा. 

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मीनेश शाह ने बताया एनसीओएल का महत्व 

बायोगैस प्लांट की आधारशिला के मौके पर एनडीडीबी प्रेसिडेंट ने अपील करते हुए कहा कि खेतों और पशुपालन में जैविक उत्पादों के उत्पादन के लिए जैविक उर्वरकों का इस्तेमाल करें. इस मौके पर उन्होंने नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (एनसीओएल) के महत्व के बारे में भी बताया. गौरतलब रहे एनसीओएल के माध्यम से सभी जैविक उत्पादों का विपणन करने की योजना है. वहीं उन्होंने सेक्स सॉर्टेड सीमेन और ईटी-आईवीएफ से संबंधित गतिविधियों को मजबूत करने के लिए कॉम्फेड द्वारा आवश्यक समर्थन का आश्वासन भी दिया.

सौर ऊर्जा से चलने वाला देश का पहला डेयरी प्लांट केरल में 

ये पहला मौका होगा जब देश में सौर ऊर्जा से चलने वाला पहला डेयरी प्लांट तैयार हो रहा है. डॉ. मीनेश शाह के मुताबिक प्लांट का 90 फीसद हिस्सा सौर ऊर्जा पर काम करेगा. ये प्लांट केरल सहकारी दूध विपणन महासंघ (मिल्मा) तैयार कर रही है. नया प्लांट एर्नाकुलम में तैयार हो रहा है. हाल ही में मीनेश शाह ने केरल सहकारी दूध विपणन महासंघ (मिल्मा) के एमडी आसिफ के. यूसुफ के साथ एर्नाकुलम संघ की त्रिपुनिथुरा डेयरी का दौरा भी किया था. 

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जहां प्लांट को लेकर चल रहीं तैयारियों का जायजा भी लिया. खास बात ये है कि इस प्लांट के लिए एनडीडीबी की ओर से भारत सरकार की डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (DIDF) योजना के तहत वित्तीय मदद दी गई है. एनडीडीबी के "रिवाइटलाइजिंग प्रॉमिसिंग प्रोड्यूसर्स ओन्ड इंस्टीट्यूशन" प्लान के तहत इसे चुना गया था.
 

 

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