Shrimp: झींगा के बढ़ते प्रोडक्शन, घटते रेट-डिमांड पर चर्चा करेंगे दुनियाभर के एक्सपर्ट, जानें वजह 

Shrimp: झींगा के बढ़ते प्रोडक्शन, घटते रेट-डिमांड पर चर्चा करेंगे दुनियाभर के एक्सपर्ट, जानें वजह 

अमेरिका द्वारा भारतीय झींगा के लिए बनाई जा रही नियमावली और चीन द्वारा अपना घरेलू प्रोडक्शन बढ़ाए जाने की खबरें आने वाले वक्त में अगर सच साबित होती हैं तो ये वाकई में भारत और इक्वाडोर के लिए आने वाले वक्त की बड़ी परेशानी हो सकती है. एक्सपर्ट का मानना है कि इक्वाडोर और भारत में झींगा के बढ़ते प्रोडक्शन को देखते हुए अमेरिका ऐसा कर रहा है.

झींगा उत्पादन में भारत दूसरे नंबर पर है. फोटो क्रेडिट- मनोज शर्माझींगा उत्पादन में भारत दूसरे नंबर पर है. फोटो क्रेडिट- मनोज शर्मा
नासि‍र हुसैन
  • नई दिल्ली,
  • Oct 22, 2023,
  • Updated Oct 22, 2023, 8:16 AM IST

झींगा उत्पाकदन करने वाले देशों में खलबली मची हुई है. वजह है झींगा का बढ़ता उत्पापदन, घटते रेट और डिमांड. इतना ही नहीं झींगा खरीदारों के बदलते रवैय्ये ने भी झींगा उत्पादन करने वालों को परेशानी में डाल दिया है. हाल ही में इसे लेकर अमेरिका और चीन से बड़ी खबर आई थी. इन्हीं सब हालातों से निपटने के लिए दुनियाभर के झींगा एक्सरपर्ट इक्वाडोर में इकट्ठा हो रहे हैं. मौका है एक्वा एक्सपो-2023 का. एक्सपो का विषय है ‘अतिरिक्त उत्पादन, वरदान या श्राप’.  एक्सपो का आयोजन इक्वााडोर में किया जा रहा है. गौरतलब रहे इक्वाडोर झींगा का बड़ा उत्पादक देश है. 

एक्सपो में शामिल होने के लिए भारत से डॉ. मनोज शर्मा को बुलाया गया है. झींगा एक्सपर्ट होने के साथ ही मनोज शर्मा मछलियों के डॉक्टर भी हैं. कई बार झींगा में बीमारी आने के चलते डॉ. मनोज को दूसरे देशों से भी बुलावा आता है. वहीं मनोज शर्मा झींगालाला फूड चेन के संचालक भी हैं. हाल ही में फिशरीज टेक्नोक्रेट्स फोरम (एफटीएफ), चेन्नई ने झींगा के लिए उनके काम को देखते हुए प्रतिष्ठित के. चिदंबरम मेमोरियल एनुअल अवार्ड-2022 से नवाजा है. 

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झींगा उत्पादकों में इसलिए मची खलबली 

डॉ. मनोज शर्मा ने किसान तक को बताया कि आज विश्व स्तर पर 60 लाख टन झींगा का उत्पादन हो रहा है. इसमे से 30 लाख टन झींगा बाजार में आता है. विश्व में झींगा का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वालों में इक्वाडोर 15 लाख टन और भारत 10 लाख टन है. अगर खरीदारों की बात करें तो बाजार में अमेरिका 60 फीसद और चीन 30 फीसद झींगा की खरीदारी करता है. चीन अपना झींगा उत्पादन भी करता है. ऐसे में भारत और इक्वाडोर दोनों ही एक्सपोर्ट पर निर्भर हैं. खासतौर पर भारत में झींगा का नाम मात्र का घरेलू बाजार है.

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ये देखकर भारत समेत दूसरे देशों की बढ़ी परेशानी 

डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि भारत से झींगा खरीदने वाले दो बड़े खरीदार अमेरिका और चीन हैं. हालांकि जापान, बेल्जिययम, वियतनाम, रूस और यूएई भी भारत से झींगा खरीदते हैं. लेकिन इस साल के मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के आंकड़ों की मानें तो चीन, अमेरिका, वियतनाम, जापान और बेल्जियम समेत सभी खरीदारों ने झींगा को बड़ा झटका दिया है. इस साल जनवरी से जुलाई तक एकसपोर्ट की जारी की गई रिपोर्ट खासी चौंकाने वाली है. इस वक्त में इस साल अमेरिका ने 1.59 लाख टन झींगा खरीदा है.

जबकि बीते साल इसी वक्त के मुकाबले ये 17 फीसद कम है. चीन ने 77 हजार टन खरीदा है जो बीते साल के मुकाबले 28 फीसद कम है. जबकि वियतनाम ने 27 हजार टन खरीदा है जो 11 फीसद कम है. यूएई ने 10 हजार टन खरीदा जो 16 फीसद कम है. परेशानी वाली बात ये है कि हर तिमाही में झींगा एक्सपोर्ट घट रहा है. पिछली रिपोर्ट में भी खासी कमी देखी गई थी.

 

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