पूरे देश में लगभग सरसों की बुवाई हो गई है. इस बार पिछले साल के मुकाबले किसानों ने अधिक रकबे में सरसों की बुवाई की है. ऐसे में किसान बंपर उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं. लेकिन, किसान को बंपर उत्पादन के लिए फसल को कीटों के हमले से बचाना होगा. चैंपा, पेन्टेड बग और आरा मक्खी ऐसे कीट हैं, जो सरसों की फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं, जिससे उत्पादन पर भी असर पड़ता है. लेकिन, किसानों को अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे नीचे बताए गए सावधानियों को अपनाकर इन कीटों को नियंत्रित कर सकते हैं.
सरसों एक ऐसी फसल है, जिसके ऊपर सर्दी की दस्तक के साथ ही कीटों के हमले बढ़ जाते हैं. ये कीट सरसों की पत्तियों और फूलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं. इससे सरसों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है और उत्पादन प्रभावित होता है. चैंपा (मोयला) कीट, पेन्टेड बग कीट और आरा मक्खी ऐसे कीट हैं, जो सरसों की फसल के ऊपर तेजी से अटैक करते हैं.
चैंपा कीट: बात अगर चैंपा कीट की करें, तो यह देखने में हरे रंग का छोटा साल मुलायम कीट है. यह पत्तियों और फूलों का रस सूच लेता है. इससे फसल को नुकसान पहुंचता है. खास बात यह है कि जिस खेत में देरी से सरसों की बुवाई की जाती है, उसमें चैंपा कीट का अधिक प्रकोप होता है. अगर किसान चैंपा कीट से फसल को बचाना चाहते हैं, तो खेत में मैलाथियॉन 5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें. इसके अलावा आप 400-500 लीटर पानी में सवा लीटर मैलथियॉन 50 ईसी को मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से स्प्रे कर सकते हैं. इससे चैंपा कीट से फसलों का बचाव होगा और बेहतर उत्पादन मिलेगा.
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पेन्टेड बग कीट: पेन्टेड बग कीट भी सरसों की फसल के लिए बहुत ही घातक है. यह सरसों के खेत में फली के अंकुरण के समय ही अटैक करता है. यह देखते ही देखते 7 से 10 दिनों में पत्तियों का रस चूस लाता है और फसल को पूरी तरह से बर्बाद कर देता है. खास बात यह है कि पेन्टेड बग कीट सभी तरह की पत्तियों को नुकसान पहुंचाता है. इससे सरसों की फसल पीले पड़ जाती है और कुछ ही दिनों में पौधे सुखने लगते हैं. ऐसे में इससे बचाने के लिए किसानों को डाईमिथोएट 30 ईसी एक लीटर प्रति हेक्टेयर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए.
आरा मक्खी कीट: आरा मक्खी कीट का आक्रमण सरसों के खेत में अंकुरण के बाद होता है. ये कीट सरसों में अंकुरण आने पर 25-30 दिन में फसल को नुकसान पहुंचाते हैं. आरा मक्खी का अधिक प्रकोप होने पर फसल से पत्तियां गायब हो जाती हैं, क्योंकि ये कीट पत्तियों को चट कर जाते हैं. ऐसे में खेत में केवल सरसों के शिराओं का जाल बचता है. इस कीट के प्रकोप से बचाने के लिए खेत में सरसों की बुवाई के सातवें दिन मैलाथियॉन 5 फीसदी या कार्बोरिल 5 फीसदी चूर्ण 20-25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से सुबह या शाम को छिड़काव करें. जरूरत पड़े तो 15 दिन बाद एक बार फिर से उसी मात्रा में छिड़काव कर दें. इससे कीटों के हमले रूक जाते हैं.
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