पानी की बढ़ती समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों को भरोषा दिलाते हुए कहा कि सरकार पानी बचाने के लिए अगले साल तक राज्य के 70 प्रतिशत गांवों में नहरों के माध्यम से सिंचाई का पानी उपलब्ध कराएगी. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में किसान मेले के समापन अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए भगवंत मान ने किसानों से यह बात कही. सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) के माध्यम से जल-बंटवारे के मुद्दे का जिक्र करते हुए, सीएम ने कहा कि राज्य में पानी की दिक्कत है.
साथ ही सुझाव दिया कि एसवाईएल के बजाय, करनाल से पंजाब तक एक यमुना-सतलुज लिंक (वाईएसएल) का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि पानी की समस्या से किसानों को छुटकारा मिल सके.
भगवंत मान ने कहा “पंजाब अपना पानी अब किसी अन्य राज्य को नहीं देगा. हमने इस वर्ष राज्य के 45 प्रतिशत गांवों में खेती के लिए अपने स्वयं के जल संसाधनों का उपयोग किया और अगले वर्ष तक इस आंकड़े को 70 प्रतिशत तक लाने का इरादा है. ट्यूबवेलों का उपयोग कम किया जाएगा और किसानों को नहरों के माध्यम से पानी दिया जाएगा.” वहीं भगवंत मान ने दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा कि, उन्होंने कहा केंद्र द्वारा बासमती चावल के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि यह किसानों के हितों के खिलाफ है. उन्होंने “मनमाने” फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की.
ये भी पढ़ें: धान और गन्ने का रकबा बढ़ा, तिलहन-दलहन में आई बड़ी गिरावट, पढ़ें बुआई का ताजा अपडेट
बासमती चावल पर लगाए गए प्रतिबंधों पर बात करते हुए कहा “राज्य सरकार ने निर्यात की सुविधा के लिए कीटनाशक मुक्त बासमती उत्पादन के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विशेष रूप से 10 स्प्रे पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन केंद्र ने अब बासमती चावल शिपमेंट पर 1,200 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) निर्धारित किया है. इन प्रतिबंधों के मद्देनजर, हम केरल, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों को उपज बेचने पर विचार कर रहे हैं.
उन्होंने राज्य से धान खरीदने से इनकार करने के लिए भारतीय खाद्य निगम की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र (food processing plant) लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार ने 710 पटवारियों की नियुक्ति की है और 586 अन्य पद जल्द ही विज्ञापित किये जायेंगे. प्रदर्शन कर रहे पटवारियों को सख्त संदेश देते हुए उन्होंने कहा, ''आपको न तो रिश्वत देनी चाहिए और न ही रिश्वत लेनी चाहिए. इस राज्य में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”