बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कटरा थाना क्षेत्र के बसघटा चौर में फॉल्स बांध टूटने से किसान काफी परेशान हैं. करीब दो सौ मीटर में फॉल्स बांध टूटने से 60 से 70 एकड़ में लगी गेहूं की फसल पानी में डूब गई है. चौर में हो रहे पानी के फैलाव से किसान में बेचैनी बढ़ गई है. किसानों ने बताया कि खनन माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से जेसीबी की मदद से बागमती तटबंध के भीतर मिट्टी काटी जा रही है. मिट्टी कटाई वाली जगह पर पानी नहीं आए, इसके लिए खनन माफिया ने फॉल्स बांध बनाया था.
बता दें कि इस फॉल्स बांध के बगल में बागमती की उपधारा में पानी बह रहा है. इसी बीच पानी का दबाव बढ़ने पर बांध टूट गया. बांध के टूटने के बाद मुजफ्फरपुर जिले के भवानीपुर, नवादा और बसघटा चौर में तेजी से पानी फैलने लगा और करीब 60 से 70 एकड़ में लगी रबी की फसल में पानी भर गया है. इससे किसान अपनी फसलों को लेकर काफी चिंतित हैं और सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
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बर्री के किसान धनेश्वर राय और मोहन सहनी ने बताया कि बागमती में आई अचानक बाढ़ से गेहूं की फसल नष्ट होने के बाद बड़ी संख्या में किसानों ने बैंक के अलावा महाजन से कर्ज लेकर गेहूं और सरसों समेत अन्य फसल की बुवाई की थी. समय से पटवन भी किया जा चुका था. लेकिन अचानक फॉल्स बांध के टूटने से खेतों में जलभराव हो गया, जिस कारण फसल नष्ट हो गई है.
वही, गंगिया के सुनील मिश्र ने बताया कि उन्होंने अपनी खेत में कर्ज लेकर रबी फसलों की बुवाई की थी, लेकिन अब अचानक बाढ़ से उनकी फसल नष्ट हो गई है. ऐसे में वो इस बात को लेकर परेशान हैं कि वो कर्ज की भरपाई कैसे करेंगे. उनके अलावा गांव के अन्य किसानों ने डीएम से नष्ट हुई फसलों की जांच करने और उसके मुआवजा देने की मांग की है. बता दें कि इस अचानक आई बाढ़ से सबसे अधिक गेहूं, सरसों, दलहनी फसल और सब्जी वाली फसलों का नुकसान हुआ है.