Wheat Farming: 11 साल में 20 लाख हेक्टेयर बढ़ा गेहूं का रकबा, आखिर किसानों को क्यों भा रही गेहूं की खेती 

Wheat Farming: 11 साल में 20 लाख हेक्टेयर बढ़ा गेहूं का रकबा, आखिर किसानों को क्यों भा रही गेहूं की खेती 

बीते 11 साल के दौरान किसानों ने गेहूं की बुवाई बढ़ाई है और यही वजह है कि इस दौरान रकबा 20 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है. इसकी वजह गेहूं की भरपूर बाजार मांग और अच्छी कीमत मिलना है. जबकि, मौसम और बारिश की भी भूमिका है.

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Wheat Farming: 11 साल में 20 लाख हेक्टेयर बढ़ा गेहूं का रकबा, आखिर किसानों को क्यों भा रही गेहूं की खेती 16 जनवरी तक गेहूं की बुवाई 2 फीसदी बढ़कर 320 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गई है.

गेहूं की बुवाई में किसानों की दिलचस्पी साल दर साल बढ़ी है. आंकड़ों से पता चलता है कि बीते 11 साल के दौरान किसानों ने गेहूं की बुवाई बढ़ाई है और यही वजह है कि इस दौरान रकबा 20 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है. रबी सीजन 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार गेहूं की बुवाई इस बार 320 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो बीते साल की तुलना में 2 फीसदी अधिक है. गेहूं की फसल को अच्छी कीमत मिलने और भरपूर खपत के चलते किसान इसे उगाने में दिलचस्पी दिखाते आए हैं. 

गेहूं की बुवाई पूरी, बीते साल से रकबा बढ़ा 

रबी सीजन 2024-25 में 16 जनवरी तक गेहूं की बुवाई 2 फीसदी बढ़कर 320 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गई है. यह आंकड़ा 2023-24 के पूरे सीजन में बोए गए 318.33 लाख हेक्टेयर की तुलना में काफी अधिक है. 10 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 26,000 हेक्टेयर और गेहूं की बुवाई की गई. हालांकि, मुख्य रबी खाद्यान्न फसल होने के बावजूद अब अधिक क्षेत्र में बुवाई की संभावना नहीं है, क्योंकि फिर गर्मी की वजह से गेहूं बालियों तक आने से पहले ही झुलसकर सूख जाएगा. 

साल दर साल बढ़ा गेहूं का रकबा 

आंकड़ों से पता चलता है कि रबी सीजन 1993-94 में गेहूं का रकबा 250 लाख हेक्टेयर के पार गया था. तब रिकॉर्ड बनने की बात कही गई थी. इसके बाद 2012-13 में गेहूं बुवाई का क्षेत्रफर 300 लाख हेक्टेयर के पार पहुंचा तो नया रिकॉर्ड बन गया. अब इस सीजन में 320 लाख हेक्टेयर के पार बुवाई पहुंच गई है जो बीते साल के रिकॉर्ड के पार पहुंच गई है. यानी बीते 11 साल के दौरान गेहूं की खेती 20 लाख हेक्टेयर में बढ़ी है. 

गेहूं उत्पादन में बढ़ोत्तरी की उम्मीद 

अधिक उत्पादन की संभावनाएं जताई जा रही हैं. हालांकि, महाराष्ट्र और कर्नाटक में गेहूं के रकबे में बढ़ोत्तरी नहीं होना इसमें बाधा बन सकता है. एक्सपर्ट के अनुसार पंजाब और हरियाणा में गेहू की फसल अच्छी हुई तो उत्पादन में भारी उछाल देखा जा सकता है. दोनों राज्यों में इस बार कीट और बीमारियों को लेकर कोई खतरे की बात नहीं कही जा रही है. दिसंबर में बारिश और जनवरी के पहले दोनों सप्ताह में अच्छी ठंड ने फसल को सकारात्मक बढ़ोत्तरी की ओर धकेलने में मदद की है. 

किसानों को क्यों भा रही गेहूं की खेती 

रबी सीजन किसानों ने गेहूं की बंपर बुवाई की है. किसानों को गेहूं की फसल के प्रति दिलचस्पी बढ़ने की बड़ी वजह नवंबर 2024 में गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की घोषणा है. वर्तमान में गेहूं खरीद के लिए एमएसपी दर 2275 रुपये प्रति क्विंटल है, लेकिन अप्रैल-मई में नई फसल के लिए एमएसपी पर 150 रुपये   बढ़कर किसानों को मिलेंगे. यानी 2425 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं का दाम मिलेगा. इसके अलावा खरीफ सीजन में अच्छी मॉनसूनी बारिश ने मिट्टी में नमी बनाए रखी है, जिससे अक्टूबर के बाद गेहूं की बुवाई शुरू हुई है. लेकिन, दिसंबर में 3-4 दिनों तक हुई हल्की बारिश ने किसानों को गेहूं की खेती के लिए प्रेरित किया. 

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