कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए 'कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स' जारी, पांच पॉइंट की वृद्धि के साथ 1197 पर पहुंचा

कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए 'कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स' जारी, पांच पॉइंट की वृद्धि के साथ 1197 पर पहुंचा

ग्रामीण श्रमिकों के मामले में, 12 राज्यों में एक से 17 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई और सात राज्यों में एक से पांच अंकों की कमी दर्ज की गई, जबकि केरल राज्य के लिए यह स्थिर रहा. तमिलनाडु 1360 अंकों के साथ सूचकांक की लिस्ट में सबसे ऊपर है जबकि हिमाचल प्रदेश 968 अंकों के साथ सबसे नीचे है.

ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जारी किया गया हैग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जारी किया गया है
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 21, 2023,
  • Updated Jun 21, 2023, 4:09 PM IST

मई 2023 के महीने में कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार: 1986-87 = 100) जारी किया गया है. इसके अंतर्गत कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में छह अंकों की वृद्धि हुई है और यह 1186 (एक हजार एक सौ छियासी) पर पहुंच गया है. ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में पांच अंकों की वृद्धि हुई है और यह 1197 (एक हजार एक सौ नब्बे सात) अंक पह पहुंच गया. कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के सामान्य सूचकांक में वृद्धि में मुख्य योगदान खाद्य समूह से क्रमशः 5.29 और 4.72 अंक तक आया. यह वृद्धि मुख्य रूप से चावल, दाल, दूध, बकरी का मांस, सूखी मिर्च, लहसुन, अदरक, सब्जियां और फल आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई है.

सूचकांक में वृद्धि/गिरावट एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न है. कृषि श्रमिकों के मामले में, 11 राज्यों में दो से 17 अंक की वृद्धि दर्ज की गई और आठ राज्यों में एक से पांच अंक की कमी दर्ज की गई, जबकि हिमाचल प्रदेश राज्य में यह स्थिर रही. तमिलनाडु 1371 अंकों के साथ सूचकांक की लिस्ट में सबसे ऊपर है जबकि हिमाचल प्रदेश 918 अंकों के साथ सबसे नीचे है.

CPI में सबसे ऊपर तमिलनाडु

ग्रामीण श्रमिकों के मामले में, 12 राज्यों में एक से 17 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई और सात राज्यों में एक से पांच अंकों की कमी दर्ज की गई, जबकि केरल राज्य के लिए यह स्थिर रहा. तमिलनाडु 1360 अंकों के साथ सूचकांक की लिस्ट में सबसे ऊपर है जबकि हिमाचल प्रदेश 968 अंकों के साथ सबसे नीचे है.

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राज्यों के बीच, कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों दोनों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में सबसे अधिक वृद्धि आंध्र प्रदेश राज्य (17 अंक प्रत्येक) में, मुख्य रूप से चावल, ज्वार, रागी, दाल, हरी/सूखी मिर्च, प्याज, सब्जियों और फलों की कीमतों में वृद्धि के कारण दर्ज की गई है. इसके विपरीत, कृषि मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संख्या में अधिकतम कमी असम राज्य द्वारा और ग्रामीण मजदूरों के लिए ओडिशा राज्य में (पांच अंक प्रत्येक) मुख्य रूप से चावल, रागी, सरसों-तेल, ताज़ी मछली, प्याज़, हरी मिर्च आदि की कीमतों में गिरावट के कारण दर्ज की गई.

कितनी दर्ज की गई महंगाई दर

कृषि मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल) और ग्रामीण मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आरएल‌) पर आधारित महंगाई दर मई, 2023 में 5.99 प्रतिशत और 5.84 प्रतिशत थी, जबकि अप्रैल, 2023 में क्रमशः 6.50 प्रतिशत और 6.52 प्रतिशत और पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान क्रमशः 6.67 प्रतिशत और 7.00 प्रतिशत थी. इसी तरह, खाद्य महंगाई दर मई, 2023 में 6.31 प्रतिशत और 6.07 प्रतिशत रही, जबकि अप्रैल, 2023 में क्रमशः 6.67 प्रतिशत और 6.52 प्रतिशत और पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान क्रमशः 5.44 प्रतिशत और 5.51 प्रतिशत थी. जून, 2023 के लिए कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल और आरएल) 20 जुलाई, 2023 को जारी किए जाएंगे.

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